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चुनाव तारीख: 25 मई 2024
भगवान शिव की नगरी है शिवहर। यहां शिवालयों की लंबी श्रृंखला है। जिले को क्रांतिकारियों की भूमि होने का भी गौरव प्राप्त है। स्वाधीनता की लड़ाई के दौरान 1942 में तरियानी छपरा के सपूतों की गोरे सिपाहियों से भिड़ंत हो गई थी। सभी शहीद हो गए थे। शहीदों के नाम स्मारक पर अंकित हैं। राजनीतिक प्रतिनिधित्व की बात करें तो शिवहर के दो सांसद रामदुलारी सिन्हा और हरिकिशोर सिंह को राज्यपाल बनने का गौरव हासिल है। आनंद मोहन और रमा देवी भी चर्चित नाम हैं। महज पांच प्रखंडों को मिलाकर शिवहर को जिला बनाने का श्रेय रघुनाथ झा को जाता है। वर्तमान में रमा देवी बीजेपी के टिकट पर तीसरी बार सांसद बनने में सफल रहीं। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ये हैं-मधुबन, चिरैया, ढाका, रीगा, बेलसंड और शिवहर। रीगा व बेलसंड सीतामढ़ी में, मधुबन, चिरैया व ढाका पूर्वी चंपारण, जबकि शिवहर जिले में शिवहर विधानसभा क्षेत्र।चार क्षेत्रों मधुबन, चिरैया भाजपा, बेलसंड, शिवहर जदयू एनडीए के कब्जे में है। वहीं, ढाका राजद और रीगा सीट कांग्रेस के पास है।प्रति हजार 893 लिंगानुपात वाले शिवहर की आबादी 6.56 लाख है। औसत साक्षरता दर 53.78 फीसद है। जनसंख्या घनत्व 1880 प्रतिवर्ग किमी है। मतदाताओं की संख्या दो लाख 78 हजार 974 है। बड़ी घटनाएं, विकास और मुद्दे वर्ष 2016 में इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद हत्याकांड के आरोपित मुकेश पाठक का सदर अस्पताल में इलाज के दौरान 2017 में पुलिस कस्टडी से भाग जाना चर्चा का विषय रहा। हालांकि, बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इंजीनियर की हत्या एके-56 जैसे अत्याधुनिक हथियार से की गई थी। मंडल कारा में ही लूटकांड की मास्टरमाइंड पूजा पाठक से शादी करना भी सुर्खियों में रहा।शिवहर जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि बहुप्रतीक्षित डिग्री कॉलेज का खुलनाहै। एएनएम ट्रेनिंग कॉलेज, नवोदय और केंद्रीय विद्यालय का खुद के भवन में प्रवेश, जिले में पावर ग्रिड का निर्माण और 100 बेड वाले अस्पताल का निर्माण हुआ है।जिले को रेलमार्ग से जोडऩे, शिवहर-मोतिहारी पथ स्थित बेलवा घाट पर पुल एवं अप्रोच पथ के निर्माण की मांग वर्षों पुरानी है। बागमती नदी पर प्रस्तावित अदौरी-खोरी पाकड़ पुल को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। स्टेडियम की मांग अरसे से की जा रही। एनएच-104 के निर्माण की धीमी गति, किसानों के हित में पुरानी बागमती नदी की उड़ाही भी अहम मुद्दे हैं। शिवहर की खास बातें शिवहर लोकसभा क्षेत्र बिहार के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र पहले सीतामढ़ी जिले का हिस्सा था। 1994 में इसे स्वतंत्र जिला घोषित किया गया। जिला मुख्यालय होने के कारण यहीं पर सभी सरकारी विभागों के बड़े दफ्तर हैं। यह इलाका बागमती और बूढ़ी गंडक नदी से घिरा हुआ है। त्रेता युग में भगवान राम की पत्नी देवी सीता का जन्म इस क्षेत्र के निकट हुआ था। महाजनपद काल में यह वैशाली के बज्जिसंघ फिर मगध साम्राज्य का हिस्सा बना। 13वीं सदी में मुस्लिम शासन आरंभ होने तक इस क्षेत्र में मिथिला के शासकों ने शासन किया। लोक आस्था का केंद्र बाबा भूवनेश्वर नाथ मंदिर अति प्राचीन है। इसे देकुली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का निर्माण द्वार काल का बताया जाता है।