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चुनाव तारीख: 13 मई 2024
पान, मखाना, मछली और आतिथ्य सत्कार के लिए दुनिया में विख्यात है दरभंगा। दरभंगा महाराज को भारत वर्ष का सबसे बड़ा जमींदार कहा जाता है। उन्होंने जनकल्याण में कई कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, तिरहुत रेलवे, अशोक पेपर मिल आदि की स्थापना कराई। एक समय मिथिलांचल का यह क्षेत्र तंत्र साधना के लिए भीविख्यात था। यहीं से मखाना देश और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता था। बाबा नागार्जुन की धरती भी रहा हैदरभंगा। कीर्ति आजाद पहली बार भाजपा से 1999 में सांसद बने। इसके बाद 2009 और 2014 में उन्होंने जीत हासिल की। वहीं, राजद के अली अशरफ फातमी 1991 में पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1996, 1998 व 2004 में भी उन्होंने जीत हासिल की। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी कुल छह विधानसभा सीटों में दरभंगा शहरी, दरभंगा ग्रामीण, बेनीपुर, अलीनगर, गौराबौराम और बहादुरपुर शामिल हैं। प्रति हजार 910 लिंगानुपात वाले दरभंगा की आबादी 39 लाख 21 हजार 971 है। औसत साक्षरता दर 44.32 फीसद है। जनसंख्या घनत्व 1721 प्रतिवर्ग किमी है। मतदाताओं की संख्या 16 लाख 20 हजार 514 है। बड़ी घटनाएं, विकास और मुद्दे 26 दिसंबर 2015 को बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम चौक पर सड़क निर्माण कंपनी चड्ढा एंड चड्ढा के दो इंजीनियरों को सरेआम एके-56 से संतोष झा के शूटरों ने भून डाला था। हत्या से कुछ ही दिन पूर्व गैंग ने कंपनी से 75 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इधर, दिल्ली मोड़ बस स्टैंड में वर्चस्व को लेकर तिहरा हत्याकांड भी सुर्खियों में रहा।दरभंगा जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि दरभंगा एयरपोर्ट का विकास है। जून से दरभंगा से मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ान शुरू हो जाएगी। दरभंगा में एम्स की स्थापना और बीपीओ सेंटर खोलना विकास की नई आधारशिला है। डीएमसीएच में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण का काम चल रहा।कभी बाढ़ की विभीषिका झेलने वाला यह क्षेत्र आज पानी की किल्लत से जूझ रहा है। शहरी क्षेत्र के अलावा कई ग्रामीण इलाकों में जलसंकट गहराता जा रहा। तारामंडल के निर्माण की आस अभी तक पूरी नहीं हो सकी। दरभंगा की खास बातें दरभंगा बिहार का एक प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र समाहित हैं। बागमती नदी के किनारे बसा यह क्षेत्र जिला एवं प्रमंडलीय मुख्यालय है। यह क्षेत्र 16वीं सदी में दरभंगा राज की राजधानी था। यह इलाका रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं का केंद्र माना जाता है। यहां देवी सीता के पिता जनक का राज था। बाद में मगध, शुंग, कण्व और गुप्त, मुसलमान शासक ने राज किया। इस क्षेत्र में ही कुमारिल भट्ट, मंडन मिश्र, गदाधर पंडित, शंकर, वाचास्पति मिश्र, विद्यापति, नागार्जुन आदि महान विद्वानों ने अपना लेखनस्थली बनाया। यह क्षेत्र आम और मखाना के उत्पादन के लिए मशहूर है। यहां के शैक्षिक संस्थानों में मिथिला शोध संस्थान, मखाना राष्ट्रीय शोध केंद्र, दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग, महिला अभियंत्रण महाविद्यालय आदि प्रमुख हैं।