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चुनाव तारीख: 7 मई 2024
मधुबनी जिले के पूर्वी भाग में स्थित झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र की पहचान मैथिली से है। इस क्षेत्र से तीन नदियां कमला, बलान और कोसी प्रवाहित होती हैं। कृषि प्रधान यह क्षेत्र बारिश के दिनों में अक्सर बाढ़ की चपेट में आ जाता है। कांग्रेस के दिग्गज व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल, देवेंद्र प्रसाद यादव, गौरीशंकर राजहंस, मंगनी लाल मंडल सरीखे दिग्गज नेता भी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। 1999 और 2004 के चुनाव में देवेंद्र प्रसाद यादव आरजेडी के टिकट पर लड़े और जीते। साल 2009 के चुनाव में झंझारपुर की जनता ने जेडीयू उम्मीदवार मंगनी लाल मंडल को पसंद किया। साल 2014 के मोदी लहर में बीजेपी उम्मीदवार बीरेंद्र कुमार चौधरी को यहां का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। उसके बाद 2019 में जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत हासिल की। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में मधुबनी जिले के छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। ये हैं-झंझारपुर, फुलपरास, खजौली, बाबूबरही, राजनगर अजा और लौकहा। वोटरों की संख्या 18 लाख 24 हजार 987 है। यहां की साक्षरता दर लगभग 60 फीसद है। जनघनत्व 1300 प्रतिवर्ग किलोमीटर है। बड़ी घटनाएं और विकास यहां के लोग हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलते हैं। वर्ष 2017 में बाबूबरही में एक खेत से शिवलिंग मिला था। यहां मंदिर बनवाने को लेकर विवाद हुआ था। इसमें दो पक्षों के लोग अपने-अपने गांव में मंदिर बनवाना चाहते थे। यह घटना सुर्खियों में रही। इसी साल बाबूबरही में तालाब में डूबकर पांच बच्चियों की मौत हो गई थी। सकरी-झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर काम चल रहा है। इसके अलावा सरकार की विभिन्न कल्याणकारीयोजनाओं का लोगों को लाभ मिला है। सांसद ने अपनी निधि से स्थानीय स्तर पर कई कार्य करवाए हैं। स्थानीय मुद्दे क्षेत्र के लोग वर्षों से बाढ़ के स्थायी निदान की मांग कर रहे हैं। बंद चीनी मिलों को चालू करने की मांग को भी कई बार उठाया जा चुका है। कमला-बलान नदी पर भदुआर घाट में पुल निर्माण की भी मांग होती आरही है। पिछले कई चुनावों में झंझारपुर को जिला बनाने के मुद्दे को भी उठाया जा रहा है। झंझारपुर की खास बातें झंझारपुर बिहार का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। 1972 में इसे लोकसभा क्षेत्र बनाया गया। देश के लिए हुए पांचवे लोकसभा निर्वाचन में पहली बार यहां के लोगों ने सांसद के चुनाव के लिए मतदान किया। यह विधानसभा सीट भी है। यह क्षेत्र मधुबनी जिले का हिस्सा है। बिहार के मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र इसी सीट से विधायक चुने जाते थे। यहां के जीर्ण-शीर्ण हो चुके किले, मूर्तियां एवं शिलालेख अपनी ऐतिहासिकता की गवाही देते हैं। 11वीं सदी में यह क्षेत्र मिथिला राज्य की राजधानी माना जाता है।