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चुनाव तारीख: 13 मई 2024
समस्तीपुर मिथिला का प्रवेशद्वार कहलाता है। यहदरभंगा प्रमंडल का एक जिला है। यह जिला मूल रूप से कृषि क्षेत्र है। समस्तीपुर पूर्व मध्य रेलवे का मंडल है। कवि और दार्शनिक आरसी प्रसाद सिंह, पंडित सुरेंद्र झा सुमन जैसे विद्वानों की जन्मस्थली भी यह है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान इसी क्षेत्र में है। पहले यह लोकसभा क्षेत्र रोसड़ा सुरक्षित के नामसे जाना जाता था। लोजपा के कद्दावर नेता रामविलास पासवान यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बाद में उन्होंने यह सीट अपने छोटे भाई के लिए छोड़ दिया। लोजपा के रामचंद्र पासवान 2014 और फिर 2019 में यहां के सांसद बने। जननायक कर्पूरी ठाकुर की यह धरती समाजवादियों की गढ़ रही है। हालांकि, पूर्व के समय में रोसड़ा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी भी जीतते रहे हैं। जदयू के भी महेश्वर हजारी इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें कल्याणपुर सु., समस्तीपुर, वारिसनगर, रोसड़ा के साथ दरभंगा जिले के हायाघाट और कुशेश्वरस्थान सु. क्षेत्र शामिल हैं। 1467 प्रतिवर्ग किलोमीटर जनघनत्व वाले जिले की कुल आबादी 42 लाख 61 हजार 566 है। यहां का लिंगानुपात 911 है। साक्षरता दर 63.8 फीसद है। कुल मतदाताओं की संख्या 27 लाख 68 हजार 133 है। बड़ी घटनाएं, विकास और मुद्दे रोसड़ा में दुर्गा पूजा के दौरान गए वर्ष की हिंसा देशभर में चर्चित रही। इसके कारण करीब एक सप्ताह तक इंटरनेट सेवा बाधित रही। हालांकि, प्रशासनिक सूझबूझ और तत्परता के कारण इसे जल्द ही काबू में कर लिया गया।यहां सर्वाधिक पुल, पुलिया और सड़कों का निर्माण हुआ है। गुदारघाट पुल वारिसनगर और शिवाजीनगर व बहेड़ी को जोड़नेवाला पुल बड़ी उपलब्धि है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा मिलना भी बड़ी बात है।वर्ष 1990 से समस्तीपुर चीनी मिल बंद है। मुक्तापुर में जूट मिल बंद है, इसे दोबारा चालू करने की पुरजोर मांग होती रही है। रोसड़ा को जिला बनाने की मांग भी वर्षों पुरानी है। समस्तीपुर की खास बातें समस्तीपुर बिहार के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। जिला मुख्यालय होने के कारण यहां सभी बड़े सरकारी विभागों दफ्तर हैं। यह क्षेत्र गंगा, बूढ़ी गण्डक नदी और बागमती नदियों से घिरा हुआ है। कुछ लोग इसका प्राचीन नाम सोमवती भी बताते हैं। यहां के दर्शनीय स्थलों में मन्निपुर दुर्गा मंदिर, खुदेश्वर मंदिर, पार्वती मंदिर प्रमुख हैं। राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, आचार्य नरेन्द्रदेव महाविद्यालय, बलिराम भगत महाविद्यालय समस्तीपुर, समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर यहां के प्रमुख शैक्षिक संस्थान हैं।