फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
सासाराम की ऐतिहासिक पहचान है। यह रोहतास जिले का मुख्यालय है। अफगानी शासक शेरशाह सूरी का जन्म यहीं हुआ था। वह मकबरा आज भी स्मृतियों को संजोए हुए है। सासाराम अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित संसदीय सीट है। इसकी पहचान पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्व जगजीवन राम के नाम से होती है, जिन्हें लोग आज भी बाबूजी के नाम से याद करते हैं। वे 1952 से लेकर 1984 तक आठ बार यहां से सांसद चुने गए। उन्होंने छह बार कांग्रेस, एक बार जनता पार्टी और एक बार इंडियन नेशनल कांग्रेस जगजीवन पार्टी से चुनाव जीता। उनकी पुत्री मीरा कुमार दो बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीत चुकी हैं। वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं और राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस की उम्मीदवार भी थीं। 2014 के चुनाव में भाजपा के छेदी पासवान यहां से सांसद चुने गए, फिर से वे 2019 में सांसद बने। इस सीट पर दो बार जनता दल का कब्जा रहा। भाजपा ने पांच बार यह सीट जीती। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। विधानसभाएं, घटनाएं और विकास इस संसदीय सीट के तहत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना के बाद यहां लगभग एक पखवारे तक आंदोलन चला। सासाराम के समीप एक गांव में शराब के धंधेबाजों द्वारा छात्रा की हत्या व रामगढ़ में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगा। इसके परिणामस्वरूप रामगढ़ थाना में तोड़फोड़ व आगजनी की घटना हुई। इन दोनों घटनाओं ने शहर को सुलगा दिया था।इस क्षेत्र में दुर्गावती जलाशय परियोजना का शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय कैबिनेट मंत्री जगजीवन राम ने 1976 में किया था। वह परियोजना पूर्ण नहीं हो पाई थी। इसे पूरा कराकर 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने उद्घाटन किया, हालांकि अभी भी नहरों का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास औरकेंद्रीय विद्यालय भवन का निर्माण हुआ। आरा रेल का विद्युतीकरण,ग्रामीण सड़क, पेयजल आदि से जुड़े कार्य भी हुए हैं। इस क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं भी हैं, जिनमें किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, पर्यटन स्थलों का विकास का आदि प्रमुख हैं। मुंडेश्वरी-आरा रेललाइन कानिर्माण भी बड़ा मुद्दा है। सासाराम की खास बातें सासाराम बिहार राज्य का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। यह क्षेत्र रोहतास जिले का हिस्सा है और यहीं पर मुख्यालय भी है। अफगान शासक शेरशाह सूरी का मक़बरा यहीं है। भारत-अफगान शैली में लाल बलुआ पत्थर से बना मकबरा झील के बीच में है शेरशाह द्वारा बनवाया गया देश का प्रसिद्ध ग्रांड ट्रंक रोड इसी शहर से होकर गुज़रता है। यहीं पर एक पहाड़ी पर गुफा में अशोक का लघु शिलालेख संख्या एक को उकेरा गया है। इसी क्षेत्र में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र का निवास स्थान है।