फेज: 6
चुनाव तारीख: 25 मई 2024
महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास की अमूल्य धरोहर है। स्वाधीनता संग्राम के समय चंपारण के ही स्वतंत्रता सेनानी राजकुमार शुक्ल के बुलावे पर महात्मा गांधी 1917 में मोतिहारी आए थे। पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से पांचवीं बार सांसद हैं भाजपा नेता राधामोहन सिंह। हालांकि, शुरू और बीच में यहां कांग्रेस, कम्युनिस्ट और राजद के प्रतिनिधि चुने गए। इन सबके बीच राधामोहन सिंह को 1989, 1996, 1999, 2009, 2014, 2019 में पूर्वी चंपारण की जनता ने संसद में भेजा। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी पूर्वी चंपारण लोस क्षेत्र के अंतर्गत कुल छह विधानसभा सीटें हैं। ये हैं हरसिद्धि सुरक्षित, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पीपरा और मोतिहारी। कार्यकर्ताओं के मामले में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही। जिले की जनसंख्या 50 लाख, 99 हजार 371 है। यहां का जनघनत्व 1285 है। औसत साक्षरता 58.26 फीसद है। यहां कुल मतदाता 32 लाख 77 हजार 272 हैं। गांधी सत्याग्रह शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल 2018 को मोतिहारी आए। यहां से पूरे देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया। महात्मा गांधी की पौत्री भी आईं और अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह केप्रयोग की धरती मोतिहारी प्रखंड के चंद्रहिया गांव को बापूधाम चंद्रहिया नाम मिला। विकास और स्थानीय मुद्दे इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में जिले में कई बड़े कार्य हुए। रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण कर उसे बेहतर लुक दिया गया। रेलवे लाइन का विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ। दोहरीकरण कार्य निर्माणाधीन है। पीपराकोठी को कृषि के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया गया। यहां राष्ट्रीय समेकित कृषि अनुसंधान केंद्र, बागवानी व वानिकी महाविद्यालय की स्थापना के साथ बंबू नर्सरी व पशुओं के सीमेन के लिए केंद्र खोला गया। कोटवा में मदरडेयरी प्लांट की स्थापना की गई। हरसिद्धि में गैस बॉटलिंग प्लांट की स्थापना हुई। कौशल विकास के लिए केंद्र खोला गया। केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ कई छोटे-बड़े कार्य नियमित रूप से होते रहे।लेकिन, स्थानीय किसानों को उनकी उपेक्षा खटकती है। बंद चीनी मिलों को चालू कराने और गन्ना उत्पादकों का बकाया भुगतान भीलंबित है। पूर्वी चंपारण की खास बातें पूर्वी चंपारण बिहार के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मोतिहारी समेत 6 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। 1971 में चंपारण को विभाजित कर बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। इस क्षेत्र की सीमाएं नेपाल से जुड़ती हैं। पुराण में वर्णित है कि राजा उत्तानपाद के पुत्र भक्त ध्रुव ने यहां के तपोवन नामक स्थान पर ज्ञान प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की थी। यह क्षेत्र देवी सीता की शरणस्थली भी रहा है। यहां भगवान बुद्ध ने लोगों को उपदेश दिए और विश्राम किया। यहां कई बौद्ध स्तूप भी हैं। आजादी की लड़ाई में नील आंदोलन समेत कई प्रमुख आंदोलनों को महात्मा गांधी ने यहीं से शुरू किया था। इस क्षेत्र में प्रमुख शैक्षिक संस्थारनों में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वेविद्यालय, मोतिहारी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग शामिल हैं।