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चुनाव तारीख: 25 मई 2024
प्रयागराज प्रदेश का सर्वाधिक आबादी वाला जिला है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 59,54,390 है। जिले में जनसंख्या घनत्व 1,086 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है। 2001-2011 के दशक में यहां जनसंख्या वृद्धि दर 20.6 प्रतिशत रही। लिंगानुपात 1000: 901 है। साक्षरता दर 72.3 प्रतिशत है। जिले में कुल12 विधानसभा सीटें हैं। यह फूलपुर और इलाहाबाद के अलावा भदोही संसदीय सीट का हिस्सा हैं। इलाहाबाद संसदीय सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्सियतें दी हैं। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर जैसे राजनीतिक दिग्गज यहां से चुनाव जीते हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को हराकर अमिताभ बच्चन भी यहां के सांसद रह चुके हैं। पहले सांसद श्रीप्रकाश स्वतंत्रता सेनानी थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री 1957 में यहां से सांसद चुने गए। 1973 में भारतीय क्रांति दल के जनेश्वर मिश्रा को जनता ने चुना। 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने। 1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते। 1998, 2004 और 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव जीता। 2004 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह यहां से सांसद रहे। 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में गईं और श्यामाचरण गुप्ता सांसद बने। उन्होंने सपा के रेवती रमण सिंह को शिकस्त दी थी। इसके बाद 2019 में भाजपा के टिकट पर रीता बहुगुणा जोशी चुनाव जीतीं। मुरली मनोहर जोशी तीन बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दो बार लाल बहादुर शास्त्री और दो बार कुंवर रेवतीरमण सिंह भी विजयी रहे हैं। वर्ष 1988 में हुए उपचुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराया था। बसपा संस्थापक कांशीराम तीसरे स्थान पर रहे थे। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी इस लोकसभा क्षेत्र में मेजा, करछना, बारा, कोरांव, इलाहाबाद दक्षिणी शामिल है। चार सीटों पर भाजपा व करछना सीट पर सपा का कब्जा है। कुल मतदाता 1693447 हैं। 927964 पुरुष और 765288 महिला हैं। विकास और स्थानीय मुद्दे कुंभ की वजह से इस संसदीय क्षेत्र में भी काफी काम हुआ हैं। हाईकोर्ट, रामबाग व प्रयाग स्टेशन के पास फ्लाई ओवर का निर्माण, प्रमुख चौराहों का सौंदर्यीकरण व सड़कों का चौड़ीकरण प्रमुख है। बारा, कोरांव, मेजा, शंकरगढ़ में कृषि योग्य भूमि कम है। यह इलाका विकास की दौड़ में पिछड़ा है। पेयजल व सिंचाई साधन का अभाव गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी हमेशा से मुद्दा रहे हैं। वादे हुए पर बेमानी रहे। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में मोदी सरकार बड़े उपक्रमों की स्थापना नहीं करा सकी। एचएएल की अनुषांगिक कंपनी यहां जरूर आईं। यही एक उपलब्धि रही है। प्रयागराज की खास बातें इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। इसे 'तीर्थराज' तीर्थों का राजा भी कहते हैं। अब शहर का नाम प्रयागराज है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी संगम में मिलती है। यहां हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है। यहां प्रयागराज उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय है। स्वरुप रानी नेहरु अस्पताल, मोतीलाल नेहरु अस्पताल, कमला नेहरु अस्पताल यहां के कुछ अस्पताल हैं। प्रयागराज किला, स्वराज भवन, रानी महल यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। हनुमान मंदिर, हनुमत निकेतन, सरस्वती कूप यहां के कुछ धार्मिक स्थल हैं। दिल्ली से प्रयागराज की दूरी 700.7 किलोमीटर है।