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चुनाव तारीख: 13 मई 2024
मध्य उत्तर प्रदेश में चंबल और यमुना के दोआब में स्थित इटावा जनपद की पहचान समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली के रूप में की जाती है। वर्ष 1967, यानी मुलायम सिंह यादव ने जब से राजनीति में कदम रखा तब से यह जनपद प्रदेश की राजनीति में खासा रसूख रखता है। मुलायम सिंह यादव सात बार जसवंतनगर विधान सभा सीट से विधायक चुने गये उसके बाद उनके भाई शिवपाल सिंह यादव चार बार। इसका असर रहा और यहां संसदीय सीट पर सपा का ही कब्जा रहा। 1998 में भाजपा की सुखदा मिश्र सांसद रही और 2014 में अशोक दोहरे रहे। इसके बाद 2019 में भाजपा के राम शंकर कठेरिया को जीत हासिल हुई। कांग्रेस के जनक एओ ह्यूम भी यहां के जिला कलक्टर रहे थे। मुख्यत: यहां पर कृषि पर ही आधारित जनजीवन है। विधानसभा, विकास और स्थानीय मुद्दे इटावा संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट है। इसमें एक सीट कानपुर देहात की सिकंदरा, दो सीट औरैया की दिबियापुर और औरया एवं दो सीटी इटावा जनपद की भरथना औऱ सदर है। वहीं बीस सालों में इटावा जनपद का कायाकल्प हो गया है। यहां जनपद में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरूआत हुई। तीन रेल लाइनों, इटावा-मैनपुरी, इटावा-बाह-आगरा, इटावा-ग्वालियर लाइन की शुरूआत की गई। हवाई पट्टी मिली। स्टेडियम मिला। शहर में जाम से निजात के लिए ओवरब्रिज बने। जिला कृषि आधारित है। यहां यादव परिवार ही मुद्दा रहा है। इटावा की खास बातें इटावा उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और लोकसभा क्षेत्र है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के उद्योग और तिलहन मिलें हैं। यहां पर शेरों के संरक्षण के लिए इटावा सफारी अभ्यारण्य है। सुमेर सिंह का किला, चम्बल, जुगरामऊ गांव, टैक्सी मंदिर, बाबरपुर, बकेवर, चकरनगर, जसौहारन, अहीरपुर, प्रताप नगर और सरसईनावर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इटावा की जामा मस्जिद भी काफी प्रसिद्ध है। इटावा के शिक्षण संस्थानों में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, एच.एम.एस.इस्लामिया इंटर कॉलेज, कर्म क्षेत्र पी.जी. कॉलेज यहां अच्छे माने वाले कॉलेज हैं। दिल्ली से इटावा की दूरी 338.8 किलोमीटर है।