फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
गोरखपुर जिले के अंतर्गत यह दूसरी लोकसभा सीट है और देश की सुरक्षित सीटों में से एक है। इस सीट पर महावीर प्रसाद चार बार जीते, जो एक समय प्रदेश के बड़े दलित नेताओं में एक थे, और केंद्रीय मंत्री भी रहे। 1962 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छह बार जीत चुकी है। जबकि बीजेपी ने 1991 में यहां से जीत का अपना खाता खोला था। पहली बार भाजपा के राजनारायण पासवान सांसद बने थे। उसके बाद 2009 से लगातार दो बार बीजेपी यहां से चुनाव जीत रही है। बांसगांव के वर्तमान सांसद भाजपा से कमलेश पासवान हैं। उनकी मां सुभावती पासवान भी यहां से सांसद रही हैं। कमलेश पासवान तीसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं। योगी आदित्यनाथ का यहां भी खासा प्रभाव है। विधानसभा और स्थानीय मुद्दे इस लोकसभा क्षेत्र में गोरखपुर जिले का चिल्लूपार, बांसगांव, चौरीचौरा और देवरिया का रुद्रपुर, बरहज विधान सभा क्षेत्र शामिल है। स्थानीय मुद्दों में बेरोजगारी, कृषि की बदहाली, चीनी मिल संचालन प्रमुख हैं। बांसगांव की खास बातें बांसगांव संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक हैं। यह गोरखपुर जिले का हिस्सा है। यहां के प्रसिद्ध धर्मिक स्थलों में से कुलदेवी का मंदिर प्रमुख है। इस मंदिर की अपनी ही मान्यता है। शारदीय नवरात्र की नवमीके दिन यहां बहुत बड़ा मेला लगता है जिसमें दुर्गा मां को खुश करने के लिए रक्त अर्पित किया जाता है। सालों से चली आ रही इस परंपरा को स्थानीय निवासियों ने बरकरार रखा है। लखनऊ से इस निर्वाचन क्षेत्र की दूरी 283.6 किलोमीटर है और दिल्ली से इसकी दूरी 836.8 किलोमीटर है।