फेज: 2
चुनाव तारीख: 26 अप्रैल 2024
उत्तर प्रदेश की पश्चिमी सीमा यमुना किनारे बसे मथुरा संसदीय क्षेत्र की पहचान भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली से है। इसके पूर्व में हाथरस, दक्षिण पूर्व में आगरा, उत्तर में अलीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान का जिला भरतपुर हैं। राजनीति में कांग्रेस, भाजपा और रालोद यहां से चुनाव जीतती रही हैं। बाहरी प्रत्याशी भी चुनाव जीत कर संसद तक पहुंचते रहे हैं। इनमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह, हरियाणा के मनीराम बागड़ी, एटा के साक्षी महराज, जयंत चौधरी और मुंबई की हेमामालिनी भी चुनाव जीती हैं। इस सीट ने पूर्व प्रधानमंत्री अलट विहारी वाजपेयी, राजा बच्चू सिंह, नटवर सिंह और राजा विश्ववेंद्र सिंह को चुनाव में हार का भी मजा चखाया। वर्तमान में ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी सांसद हैं। बड़ी घटनाएं और स्थानीय मुद्दे 2016 में जवाहर बाग कांड, शिक्षक घोटाला यहां की प्रमुख घटनाएं हैं। वहीं यमुना शुद्धिकरण, खारी पानी, पर्यटन, उद्योग प्रमुख स्थानीय मुद्दे हैं। डेमोग्राफी मथुरा में कुल 17 लाख 86 हजार 189 मतदाता हैं। इसमें मथुरा वृंदावन विधानसभा क्षेत्र में चार लाख 37 हजार 429 मतदाता, छाता विधानसभा में तीन लाख 50 हजार 808 मतदाता, मांट विधानसभा में तीन लाख 23 हजार 783 मतदाता हैं। वहीं गोवर्धन विधासनभा में तीन लाख 15 हजार 777 मतदाता और बलदेव विधानसभा में तीन लाख 58 हजार 392 मतदाता हैं। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मथुरा में कुल 15 लाख 66 हजार 921 मतदाता थे। अब 2.10 लाख मतदाता बढ़ गए हैं। मथुरा की खास बातें मथुरा, उत्तर प्रेदश का प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। मथुरा एक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता का केंद्र रहा है। इसे श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा। ये शहर आगरा से दिल्ली की ओर और दिल्ली से आगरा की तरफ लगलभ 58 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम और 145 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में यमुना के किनारे राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर बसा है। प्रेम मंदिर वृन्दावन, जामा मस्जिद, शाही मस्जिद ईदगाह, दोला मोला घाट, मथुरा संग्रहालय, कृष्ण जन्म भूमि, इस्कॉन मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, जय गुरुदेव मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इन सबके अलावा खाने में मथुरा के पेड़े यहां बहुत प्रसिद्ध हैं। लखनऊ से इसकी दूरी 397.1 किलोमीटर है और दिल्ली से 183 किलोमीटर।