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चुनाव तारीख: 7 मई 2024
एटा लोकसभा क्षेत्र तुलसी, खुसरो की सरजमीं है। इस सीट ने सांसदों को कई बार चुने जाने का मौका दिया। भाजपा सांसद महादीपक सिंह शाक्य ऐसे लोकसभा प्रतिनिधि रहे जिन्होंने निरंतर छह चुनाव जीते और एक तरह से इस सीट पर एकाधिकार सा कर लिया था। इस सीट पर सबसे पहले कांग्रेस, फिर भाजपा और फिर सपा का कब्जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी को इस सीट पर कभी कामयाबी नहीं मिली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने वर्ष 2009 में इसी सीट पर चुनाव लड़ा था और वे जीते। इसके बाद वर्ष 2014 में कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह सांसद बने। इसके बाद वे 2019 में भी सांसद चुने गए। कृषि बाहुल्य इस क्षेत्र में राजनीति बार-बार उतार-चढ़ाव लेती रही है। पांच विधानसभा सीटें एटा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत एटा जिले की सदर, मारहरा और कासगंज जनपद की सदर, अमांपुर, पटियाली विधानसभाएं आती हैं। डेमोग्राफी एटा सदर में 317254 मतदाता, मारहरा में 296197 मतदाता, कासगंज में 345711 मतदाता, अमांपुर में 292812 मतदाता और पटियाली में 328107 मतदाता हैं। विकास का हाल- विकास के नाम पर एटा में जवाहरपुर तापीय परियोजना तथा बाईपास और एटा-कासगंज मार्ग के फोनलेन के निर्माण का काम चल रहा है। मेडिकल कॉलेज, एटा-कासगंज रेलवे लाइन विस्तार प्रस्तावित हैं। क्षेत्रीय विकास यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है। एटा की खास बातें एटा, उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यह जिले का मुख्यालय है। यहां के प्रमुख स्थलों में पटना पक्षी विहार, कैलाश मंदिर, काली मंदिर, हनुमान घड़ी, राम दरबार आदि हैं। इसे पृथ्वीराज चौहान के सरदार राजा संग्राम सिंह ने बसाया था। इसने एटा में एक सुदृढ़ मिट्टी का दुर्ग बनवाया था जिसके खंडहर आज भी मौजूद हैं। दिल्ली से इसकी दूरी 295.2 किलोमीटर है।