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चुनाव तारीख: 13 मई 2024
चार संसदीय क्षेत्रों में बंटा कानपुर देहात जिले का मुख्यालय अकबरपुर है। इस जिले की विधानसभा सीटें इटावा, कन्नौज, जालौन और कानपुर नगर के संसदीय क्षेत्रों में शामिल हैं। सेना से वीआरएस लेकर मथुरापाल ने यहीं से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। अकबरपुर संसदीय क्षेत्र में केवल रनियां अकबरपुर विधानसभा सीट आती है। बाकी चार विधानसभाएं घाटमपुर, महराजपुर, बिठूर और कल्याणपुर, कानपुर नगर की हैं। यहां के मतदाताओं ने सभी पार्टियों को मौका दिया। विकास का हाल बीते 20 सालों में रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के मरहमताबाद में हवाई पट्टी का निर्माण जरूर शुरू हुआ, लेकिन काम अधूरा ही है। यमुना की बीहड़ पट्टी की अधिकता वाले इस जिले में सिंचाई बड़ा मुद्दा है। हालांकि, मतों का विभाजन जातिगत आधार पर ही होता रहा है। कानपुर-दिल्ली और कानपुर-झांसी का मुख्य टर्निंग प्वाइंट अकबरपुर आज भी बुनियादी समस्याओं की काट खोज रहा है। बड़ी घटनाएं राजनीतिक घटनाक्रम में करीब दो वर्ष पहले पंप कैनाल को लेकर किसानों का आंदोलन रहा। अन्य प्रमुख घटना में नवंबर 2016 में पुखरायां में पटना-इंदौर एक्सप्रेस का बेपटरी होना रहा। इसमें 153 रेल यात्रियों की मौत हो गई थी। अकबरपुर की खास बातें अकबरपुर, कानपुर देहात जिले का मुख्यालय है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का मूल निवास यहां के डेरापुर इलाके में है। यह क्षेत्र मुगलकालीन वास्तुकला से निर्मित शुक्ल तालाब के लिए भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1563 में बादशाह अकबर ने कराया था। यह शहर पहले कानपुर नगर का ही हिस्सा था। लेकिन बाद में इसे अलग जिला घोषित किया गया। यह इलाका गंगा और यमुना के बीच में बसा हुआ है। यहां से होकर लखनऊ- झांसी हाईवे और जी.टी रोड समेत लखनऊ-आगरा एक्सप्रस वे गुजरता है। यह क्षेत्र स्वतंत्रता के दौरान क्रांतिकारियों की गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में वाणेश्वर महादेव मंदिर, परहुल देवी मंदिर, शोभन सरकार मंदिर, कपालेश्वर मंदिर, मुक्ता देवी मंदिर, कात्यानी देवी शामिल हैं। दिल्ली से इसकी दूरी 450 किलोमीटर है और प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 90 किलोमीटर है।