फेज: 3
चुनाव तारीख: 7 मई 2024
नए परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में कोरबा लोकसभा का गठन हुआ। इसके पहले जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत यह सीट समाहित थी। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम ने वर्ष 1984 में जांजगीर सीट से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। हालांकि उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। बसपा के गठन के पहले कांशीराम दलित शोषित संघर्ष समिति चलाते थे और बाद में उन्होंने वामसेफ संगठन का प्रतिनिधित्व किया। लोकसभा क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र समाहित होने से यहां दलित-शोषित की बाहुल्यता मानते हुए कांशीराम ने चुनाव लड़ा था। भले ही वे चुनाव हार गए, पर जांजगीर लोकसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी का वर्चस्व बनाने में सफल रहे। स्थानीय मुद्दे भू-विस्थापित- इस औद्योगिक जिले में एसईसीएल, लैंको पावर प्लांट, एनटीपीसी एवं अन्य उपक्रम में समाहित हुई जमीन के भू-विस्थापित की नौकरी, पुनर्वास एवं मुआवजा के लिए भटक रहे हैं। एनटीपीसी, बाल्को, लैंको समेत अन्य छोटे पावर प्लांट से लगभग सात हजार मेगावाट बिजली उत्पादित होती है। इन प्लांट की चिमनी से निकलने वाला राख मिश्रित धुएं से प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। इसके साथ ही कोयला खदान में परिवहन कार्य में लगे भारी वाहनों की आवाजाही से धूल प्रदूषण की मात्रा भी काफी ज्यादा है। 23 ग्राम पंचायत फ्लोराइड प्रभावित होने के कारण ग्रामीणों के शरीर की हड्डियां टेढ़ी हो गई हैं। हैंडपंप से पानी लाल रंग का निकलता है। रिमूवल प्लांट लगाया गया, लेकिन संचालन की विधि नहीं जानने से योजना फ्लॉप रही। कोल इंडिया की कोयला खदान के साथ ही निजी कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक, इंडियन ऑयल व बाल्को, एनटीपीसी व राज्य शासन के पावर प्लांट समेत कई छोटे-बड़े संयंत्र संचालित होते हैं। इससे प्रतिदिन 2500 से भी ज्यादा भारी वाहन सड़क में दौड़ते हैं। बाइपास मार्ग नहीं होने से मुख्य मार्ग में चल रहे हैं। इससे सड़क दुर्घटना में इजाफा हुआ है। विकास का हाल वर्तमान सांसद डॉ. बंशीलाल के महतो के कार्यकाल में तीन रेल कॉरिडोर की महत्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति मिलने के साथ ही काम शुरू हुआ। हसदेव एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन कोरबा से रायपुर तक शुरू हुआ। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर से रांची मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कराया। इसमें सीपत से कोरबा तक मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। राज्य शासन से कृषि महाविालय, पसान व पाली में महाविद्यालय की स्थापना कराई। नेशनल हाईवे के तहत बिलासपुर-कटघोरा-अंबिकापुर, बिलासपुर-कटघोरा-कोरबा तथा चांपा से कोरबा होते हुए कटघोरा तक मार्ग निर्माण। खनिज न्यास मद की स्वीकृति मिलने से एजुकेशन हब का निर्माण। बंद पड़े खाद कारखाना को पुन: शुरू कराने की कोशिश, पर सफलता नहीं मिल सकी। कोरबा की खास बातें कोरबा संसदीय क्षेत्र छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। यहां पर 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया गया। इसी क्षेत्र में सभी प्रशासनिक कार्यालय भी हैं। यहां की पहचान एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान गेवरा माइंस की वजह से भी है। यहां पर राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी और एनटीपीसी के अलावा कई निजी कंपनियों के विद्युत संयंत्र हैं। यहां भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी है। यहां पर सतरेंगा पहाड़ और झील को देखने के लिए बड़ी संख्यां में पर्यटक आते हैं।