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चुनाव तारीख: 7 मई 2024
शिवनाथ नदी तट पर स्थित दुर्ग संसदीय क्षेत्र औद्योगिक विकास, सांस्कृतिक, सामाजिक समरसता का प्रतीक है। एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा कारखाना भिलाई इस्पात संयंत्र दुर्ग जिले में ही स्थापित है। दुर्ग जिले के भिलाई शहर को लघु भारत भी कहा जाता है। दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ की राजनीति का बड़ा केंद्र है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय वर्ष 1982-83 में दुर्ग जिला निवासी मोतीलाल वोरा मुख्यमंत्री बने। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दुर्ग संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में दुर्ग जिले के सेनानियों का बड़ा योगदान रहा है। दुर्ग जिले में तीन नगर निगम, तीन नगर पालिका परिषद, तीन नगर पंचायत, तीन ब्लॉक मुख्यालय, तीन विश्वविद्यालय और सीमेंट के तीन कारखाने हैं। जैन समाज के तीन बड़े तीर्थ भी दुर्ग, नगपुरा व कैवल्यधाम दुर्ग जिले में स्थापित हैं। दुर्ग जिला का गठन 01 जनवरी 1906 को रायपुर और बिलासपुर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर किया गया है। उस समय आज के राजनांदगांव और कबीरधाम कवर्धा जिला भी दुर्ग जिले का हिस्सा थे। 26 जनवरी 1973 को जिला दुर्ग का विभाजन हुआ और अलग राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया। 01 जनवरी 2012 को हुए विभाजिन में दो और नए जिले बेमेतरा और बालोद अस्तित्व में आए। वर्ष 1906 से पहले दुर्ग रायपुर जिले की एक तहसील हुआ करता था। 1906 में दुर्ग जिला गठन के दौरान दुर्ग, बेमेतरा और बालोद तीन तहसीलें बनाई गईं। यहां की कुल जनसंख्या करीब 18 लाख है। साहू-कुर्मी की बहुलता है और दोनों मिलाकर करीब 53 फीसद हैं। नौ विधानसभा सीटें दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की नौ सीटें आती हैं। इनमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा एससी, साजा, बेमेतरा और नवागढ़ एससी शामिल हैं। दुर्ग की खास बातें दुर्ग छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। इस संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। शिवनाथ नदी के पूर्व में बसा यह क्षेत्र का अधिकतम हिस्सादुर्ग छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। इस संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। शिवनाथ नदी के पूर्व में बसा यह क्षेत्र का अधिकतम हिस्सा मैदानी है। दुर्ग जिले की सीमाएं पड़ोसी जिलों राजनांदगांव, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, धमतरी को स्पर्श करती हैं। यहां का मैत्रीबाग चिडि़याघर लोगों का पसंदीदा स्थदल है। इसी क्षेत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना की गई थी। यहां उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर का समृद्ध भंडार है। दुर्ग जिले की सीमाएं पड़ोसी जिलों राजनांदगांव, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, धमतरी को लगती हैं। यहां का मैत्रीबाग चिड़ियाघर लोगों का पसंदीदा स्थल है। इसी क्षेत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना की गई थी। यहां उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर का समृद्ध भंडार है।