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चुनाव तारीख: 7 मई 2024
यह सीट भाजपा के गढ़ के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रही है। बिलासपुर लोकसभा सीट का तीन बार परिसीमन हुआ है। शुरुआत में यह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थी। इसके बाद इसमें बदलाव करते हुए इसे अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया। वर्ष 2009 में इसे एक बार फिर सामान्य कर दिया गया। वर्ष 1996 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। वर्ष 1996 से 2004 के बीच चार बार हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के पुन्नूलाल मोहले यहां से सांसद रहे। मोहले के नाम लगातार चुनाव जीतने का कीर्तिमान भी रहा है। मोहले के बाद भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव चुनाव लड़े। वर्ष 2009 में जूदेव सांसद निर्वाचित हुए। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को प्रत्याशी बनाया था। वर्ष 2014 के चुनाव में बिलासपुर सीट राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में फिर सफल हुई। पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार बनाया था। सर्वाधिक वोटों के अंतर से चुनाव हारने का कीर्तिमान करुणा के नाम रहा। एक लाख 75 हजार वोटों के अंतर से वे भाजपा के एक सामान्य कार्यकर्ता लखनलाल साहू से चुनाव हार गईं। तब समूचे देश के साथ ही बिलासपुर लोकसभा सीट में भी पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर का जोर दिखाई दिया था। यहां ओबीसी वर्ग की बहुलता है। इसमें साहू व कुर्मी की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। ओबीसी में यादव भी प्रभावी भूमिका में है। 9 विधानसभा क्षेत्र हैं यहां बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 9 विधानसभा सीटें आती हैं। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में दो जिला बिलासपुर व मुंगेली को शामिल किया गया है। विकास का हाल और स्थानीय मुद्दे बिलासपुर में घरेलू हवाई सेवा के लिए अनुमति मिल चुकी है। रायपुर बिलासपुर सिक्स लेन रोड अंतिम चरण में है। 3762 करोड़ की लागत से बनेगा बिलासपुर कटघोरा फोरलेन। इस पर काम शुरू हो चुका है। 4606 करोड़ की लागत से बनने जा रही अरपा भैंसाझार बैराज परियोजना का अंतिम चरण में है। बिलासपुर से रायपुर सड़क मार्ग पर स्थित तिफरा फ्लाई ओवर का काम शुरू है। बिलासपुर स्मार्ट सिटी घोषित हो चुका है और काम शुरू हो चुका है। यहां के प्रमुख स्थानीय मुद्दे हैं- चकरभाठा एयरपोर्ट से हवाई सेवा की शुरुआत न होना, चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निवेशक व एजेंटों की लामबंदी, शराब बंदी को लेकर ग्रामीण लगातार बना रहे दबाव, जिला खनिज न्याय फंड में करोड़ों का घोटाला। बिलासपुर की खास बातें बिलासपुर छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। इस संसदीय क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। ऐतिहासिक रूप से यह क्षेत्र कलचुरी राजवंश का हिस्सा था। बाद में मराठा राजवंश ने यहां किलों का निर्माण कराया था। इस क्षेत्र का नाम मत्स्य महिला बिलासा के नाम पर होने की बात कही जाती है। यह इलाका लंबे समय तक मछुवारों की बस्ती रहा है। बिलासपुर सुगंधित दूबराज चावल की किस्म के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां हथकरघा उद्योग से निर्मित कोसे की साड़ियां भी देशभर में विख्यात है। बिलासपुर सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है और यहां की संस्कृति अनेक विविधताओं एवं रंगों को समाहित किये हुए है। इस क्षेत्र में बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह के रूप में प्रसिद्ध लुतरा शरीफ मुस्लिम समुदाय का तीर्थ स्थल है।