छात्र राजनीति ने इस देश को कई बड़े नेता दिए। ओम बिड़ला भी इसी राजनीति की देन हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले ओम 1979 में छात्र संघ अध्यक्ष बने। सक्रिय राजनीति में उतरने के लिए वे भारतीय जनता युवा मोर्चो से जुड़े। पहले प्रदेश अध्यक्ष फिर उसके बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 2003 में भाजपा के टिकट पर कोटा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। लगातार तीन बार विधायक भी बने। इसी दौरान 2003 से 2008 तक संसदीय सचिव का भी जिम्मा संभाला। मई 2014 में 16वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद वे 2019 में भी कोटा सीट से जीते। वह संसद की प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, परामर्शदात्री समिति और सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय के सदस्य रह चुके हैं।
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.