एजेंसी, अंकारा (Turkiye Parliament Fight)। तुर्किये की संसद शुक्रवार को जंग का मैदान बन गई। इस दौरान सांसदों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। स्थिति यहां तक बिगड़ गई कि दो सांसद लहूलुहान हो गए, जिससे फर्श पर खून बिखर गया। इस मारपीट की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि दर्जनों सांसद एक दूसरे से मारपीट कर रहे हैं, साथ ही कुछ सांसद बीच-बचाव कर रहे हैं। इस दौरान कुछ महिला सांसदों को भी चोट पहुंची है।
इस विवाद की शुरुआत विपक्षी नेता पर हमले से हुई थी। वे अपने जेल में बंद सहयोगी केन अताले को संसद में शामिल करने के लिए कह रहे थे। दरअसल, विपक्षी नेता के सहयोगी केन अताले पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों की साजिश रचने का आरोप है, जिसके चलते वह फिलहाल जेल में हैं। बाद में केन अताले को सांसद चुना गया था।
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वामपंथी वर्कर्स पार्टी ऑफ तुर्किये (TIP) के सांसद अहमत सिक संसद में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान सत्तारूढ़ एकेपी पार्टी के सांसद अल्पे ओजालान ने सिक पर हमला कर दिया। इसके बाद दर्जनों सांसदों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। दो सांसदों के घायल होने के बाद फर्श पर खून गिर गया, जिसे बाद में कर्मचारियों ने साफ किया। बताया गया कि यह हंगामा करीब आधे घंटे तक चला। इस दौरान सदन की कार्यवाही रोक दी गई।
A fistfight broke out in Turkey's parliament when an opposition deputy was attacked after calling for his colleague, jailed on charges of organizing anti-government protests but since elected an MP, to be admitted to the assembly https://t.co/M4NyyclfD2 pic.twitter.com/oCrNamNwCq
— Reuters (@Reuters) August 16, 2024
अहमत सिक केन अताले के साथ सरकार द्वारा किए जा रहे व्यवहार की निंदा कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आप अताले को आतंकवादी कहते हैं।’ उन्होंने सत्ताधारी दल की ओर इशारा कर कहा, ‘सभी नागरिकों को पता होना चाहिए कि इस देश के सबसे बड़े आतंकवादी उन बेंचों पर बैठे लोग हैं।’
इस हंगामे के बाद केन अताले को संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू की गई और केन अताले को सदम में शामिल करने के लिए वोटिंग हुई। इसमें विपक्ष का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।
साल 2013 में कैन अताले का नाम सरकारी विरोधी प्रदर्शनों में सामने आया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने छह अन्य लोगों के साथ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रची थी। इसके बाद उन्हें साल 2022 में 18 साल की सजा सुनाई गई थी।