अंतरिक्ष में फैला कचरा धरती के लिए बार बार खतरा बना रहा है। अब नासा के वैज्ञानिकों ने ऐसे ही एक और खतरे का पता लगाया है। नासा का कहना है कि एक मिनी मून यानी छोटा चंद्रमा धरती की ओर बढ़ रहा है। नासा का अनुमान ठीक रहा तो यह 27,000 मील की दूरी से धरती से सुरक्षित गुजर जाएगा। लेकिन खतरे वाली बात यह है कि धरती की गुरुत्वाकर्षण क्षमता के कारण यह अक्टूबर 2020 से लेकर नवंबर 2021 तक यानी करीब एक साल तक धरती के नजदीक रह सकता है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का दावा है कि यह असल में 1960 में छोड़ा गया एक रॉकेट है जो लंबे समय से लापता है।
डॉ. पॉल चडास के मुताबिक, यह स्पेस ऑब्जेक्ट कोई सामान्य चीज नहीं है। नासा ने इसे 2020 SO नाम दिया है। इसका आकार 20 बाय 45 फीट के प्लाट के बराबर है। यह एक आर्टिफिशियल ऑब्जेक्ट है जो करीब 1 साल से सूर्य के आसपास भटक रहा है।
यह 3,025 किमी प्रति घंटा की गति से धरती के करीब से गुजरेगा। हाल के दिनों में धरती के करीब से गुजरने वाले स्टरॉयड की तुलना में यह गति बहुत कम है। यह करीब एक साल धरती के आसपास रहेगा, लेकिन नवंबर में सबसे करीब होगा। 1 दिसंबर 2020 को इसकी धरती से दूरी पचार हजार किमी होगी। वहीं 2 फरवरी 2021 को यह करीब सवा दो लाख किमी दूर चला जाएगा। पहली बार 17 सितंबर 2020 को इसके बारे में पता चला था।
कब छोड़ा गया था यह रॉकेट
यह पचास साल पहले छोड़ा गया रॉकेट है। इसे 20 सितंबर 966 को Surveyor-2 मिशन के तहत छोड़ा गया था। यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए भेजा गया था। हालांकि अंतरिक्ष यान में ब्लास्ट के कारण मिशन फेल गया था और तभी से यह रॉकेट अंतरिक्ष में भटक रहा है। इसका कुछ हिस्सा चंद्रमा से टकराकर ध्वस्त हो गया था। हालांकि नासा के मुताबिक, वे 2020 SO पर पड़ रही सूर्य की किरणों की मदद से अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। नासा का यह भी कहना है कि यदि यह रॉकेट है तो सूर्य के कारण इसकी गति पर असर पड़ेगा।