काबुल। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की उस कोशिश पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसके तहत उसने कश्मीर की स्थिति को अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया से जोड़ने की बात कही है। अफगानिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान का यह रवैया "लापरवाह, अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना" है।
अफगानिस्तान की अमेरिकी राजदूत रोया रहमानी ने जारी किए अपने एक लंबे बयान में कहा- "कोई भी ऐसे बयान, जो कश्मीर में उभरती स्थिति को अफगान शांति प्रयासों से जोड़ते हैं वे लापरवाह, अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना हैं।
अफगान राजदूत ने आगे कहा कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और अफगानिस्तान के साथ मामले को जोड़ने की इमरान खान सरकार की कोशिशें संकट ग्रस्त राष्ट्र में हिंसा को और भड़काने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
रोया ने रविवार को कहा- अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने कहा कि कश्मीर में चल रहे तनाव का असर अफगानिस्तान पर पड़ सकता है। इस पर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान दृढ़ता से सवाल उठाता है कि इसका क्या अर्थ है।
The Islamic Republic of Afghanistan strongly questions the assertion made by Pakistan's ambassador to the United States, Asad Majeed Khan, that the ongoing tensions in Kashmir could potentially affect Afghanistan’s peace process. pic.twitter.com/OASLSsZQ0x
— Afghan Embassy DC (@Embassy_of_AFG) August 18, 2019
अफगानिस्तान के शीर्ष राजनयिक ने वाशिंगटन में एक असामान्य लंबे बयान में कहा कि ऐसे कोई भी बयान, जो कश्मीर में चल रहे घटनाक्रम को अफगान के शांति प्रयासों से जोड़ते हैं, वे लापरवाह, अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना हैं। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा तालिबान के खिलाफ अपनी निष्क्रियता को सही ठहराने और आतंकवादी समूह के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक बहुत खराब बहाना है।
रोया ने कहा कि पाकिस्तानी राजदूत का यह कहना कि कश्मीर मुद्दे की वजह से पाकिस्तान को अपनी पश्चिमी सीमा अफगानिस्तान में तैनात सैनिकों को भारत के साथ लगी पूर्वी सीमा पर भेजने के लिए मजबूर होना पड़ सकता, यह एक भ्रामक बयान है। यह बयान गलत तरीके से समझाता है कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान को खतरा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की तरफ से पाकिस्तान को कोई खतरा नहीं है।