Pakistan High Court: हिंदू नाबालिग बहनों को शौहर के साथ रहने का पाक कोर्ट का फरमान
पाक हाइकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवकों से निकाह करने वाली नाबालिगों को अपने शौहर के साथ रहने की इजाजत दे दी है।
By Yogendra Sharma
Edited By: Yogendra Sharma
Publish Date: Thu, 11 Apr 2019 05:54:10 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Apr 2019 11:59:00 PM (IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक हाईकोर्ट ने जबरन धर्मपरिवर्तन करवाकर मुसलमान बनाई गई दो सगी हिंदू बहनों को उनके शौहरों के साथ रहने की इजाजत दे दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह साबित नहीं हुआ है कि दोनों हिंदू किशोरियों को बलात इस्लाम जबरदस्ती कुबूल करवाया गया है।
गौरतलब है दो नाबालिग सगी बहनों 13 साल की रवीना और 15 साल की रीना और उनके पतियों ने विगत 25 मार्च को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इन हिंदू किशोरियों के पिता और भाइयों के खिलाफ याचिका दायर की थी। इन दोनों बहनों के परिजनों का आरोप है कि इन नाबालिग लड़कियों को अपहृत करके बलपूर्वक उनसे इस्लाम कुबूल कराया गया है और उसके बाद मुसलमानों से शादी करा दी गई।
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक इस याचिका में सिंध प्रांत की रहनेवाली घोटकी जाति के हिंदू परिवार की इन लड़कियों ने दावा किया है कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और मुसलमानों से शादी की है। अखबार का दावा है कि दोनों ने इस्लामी शिक्षा से प्रभावित होकर यह कदम उठाया है।
वहीं इस मामले में पाकिस्तानी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अख्तर मिन्नल्लाह ने पांच सदस्यीय आयोग का गठन करके इन हिंदू बहनों के बलपूर्वक या स्वेच्छा से इस्लाम कबूल करने के संबंध में जांच बैठा दी थी।इस आयोग में मानवाधिकार आयोग की मंत्री शिरीन मजारी, प्रख्यात मुस्लिम विद्वान मुफ्ती तकी उस्मानी, पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. मेहंदी हसन, महिला आयोग की अध्यक्ष ख्वार मुमताज और पत्रकार आइए रहमान को शामिल किया गया था। जांच में यह निष्कर्ष निकला कि दोनों हिंदू नाबालिगों का धर्म परिवर्तन जबरदस्ती नहीं कराया गया है