डिजिटल डेस्क, इंदौर। ग्लोबल हिंदी फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल हिंदी एक्सीलेंस समिट का आयोजन सिंगापुर में हुआ। इस समिट में विविधता, समावेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन पर चर्चा की गई। समिट में हिंदी की महत्वता पर जोर दिया गया। कार्यक्रम के पहले दिन का उद्घाटन सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन नील पारेख ने किया। गेस्ट ऑफ ऑनर डिप्टी हाई कमिश्नर पूजा टिल्लू थी।
व्यावसायिक हस्तियों और विद्वानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। IIT एलुमनी एसोसिएशन सिंगापुर के अध्यक्ष ध्रुव जैन ने एआई का इस्तेमाल कर हिंदी सीखाने पर जरूरी प्रकाश डाला। मीडिया और मार्केटिंग सलाहकार महक अंकर ने बताया कि कैसे भाषा की बाधाएं कार्यस्थलों को प्रभावित करती है।
सिंगापुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मनोनीत अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी ने वैश्विक हिंदी शिखर सम्मेलन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली दुनिया की भाषा है। WWF के सीईओ विवेक कुमार ने सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया।
रूबी माथुर ने सतत विकास पर पैनल का संचालन किया, जहां सुमिता अंबस्ता सहित उद्योग जगत के नेता शामिल थे। पवन सिन्हा, सौरभ श्रीवास्तव, और मयूर सिंह ने सस्टेनिबिलिटी को संबोधित करने की तात्कालिकता पर जोर दिया। वित्तीय अपराध रोकथाम के विशेषज्ञ हिमांशु पारेख ने साझा किया कि कैसे एआई वित्तीय अपराधों से निपटने में मदद कर रहा है। विविधता और समावेशन सत्र का नेतृत्व पीईटीसी इंदौर की डॉ. अलका भार्गव ने और गोल्डन एग्री-रिसोर्सेज में स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस और ब्रांडिंग की उपाध्यक्ष अनन्या मुखर्जी ने किया।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन भाषाओं की टेपेस्ट्री प्रदर्शित हुई, जो देवनागरी लिपि पर आधारित भाषाओं का उत्सव है। इस कार्यक्रम में कुमाऊंनी, गढ़वाली, संस्कृत, बुंदेलखंडी, मैथिली, भोजपुरी, मराठी और मारवाड़ी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदर्शन किया गया। प्रसिद्ध कवि विनीत पंछी ने अपनी कविताओं का पाठ किया, जबकि विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने नृत्य, रंगमंच और संगीत के माध्यम से भारत की भाषाई विरासत की समृद्धि को जीवंत कर दिया। आयोजन टीम में चित्रा गुप्ता, आराधना झा श्रीवास्तव, अंजनी चौधरी, कणाद मिश्रा शामिल थे।
शिखर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों से आवाजें एक साथ आईं, जिनमें दैनिक न्यू मीडिया के प्रधान संपादक राजेश उपाध्याय, भी शामिल थे। ग्लोबल हिंदी फाउंडेशन की संस्थापक और सीईओ ममता मंडल ने कॉर्पोरेट जगत में, खासकर भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले व्यवसायों के लिए, हिंदी कौशल को प्रासंगिक और महत्वपूर्ण बनाने के अपने मिशन पर जोर दिया।