कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रोन को लेकर पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई है। जहां कई देशों ने अपने यहां यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं, वहीं भारत में भी केंद्र से लेकर राज्य सरकारें भी बाहर से आने वाले यात्रियों को लेकर सतर्क हो गईं हैं। इस वैरियंट में कोरोना की आगामी संभावित लहर की आशंका जताई जा रही है। इस क्रम में आज एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को आगाह करते हुए कहा कि तेजी से रूप बदल रहा ओमिक्रोन कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक दुनिया के किसी देश में ओमिक्रोन के चलते मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन वैक्सीन और पूर्व के संक्रमण के चलते पैदा हुई प्रतिरक्षा को बेअसर करने की इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है। हालांकि, एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमिक्रोन के ज्यादा संक्रामक होने के अभी प्रमाण नहीं मिले हैं और दुनिया भर में अभी भी संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले डेल्टा वैरिएंट के ही आ रहे हैं।
ज्यादा म्युटेशन बना चिंता का कारण
डब्ल्यूएचओ ने कहा, ओमिक्रोन में स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में बहुत ज्यादा म्युटेशन हुआ है, इनमें से कुछ महामारी की गंभीरता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता पैदा करते हैं। समग्र रूप से इससे बहुत बड़ा वैश्विक खतरा है। ओमिक्रोन वैरिएंट के तेजी से फैलने से मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की आशंका जताते हुए संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपने सभी 194 सदस्य देशों से टीकाकरण में तेजी लाने का आग्रह किया।
दक्षिण अफ्रीका में चौथी और अमेरिका में पांचवी लहर का खतरा
आइएएन की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने चेतावनी दी है कि अगर नए मामले बढ़ते रहे तो देश को महामारी की चौथी लहर का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन देश के हर हिस्से में फैल रहा और यह जारी रहा तो अगले कुछ हफ्ते में हालात गंभीर हो सकते हैं। वाशिंगटन से मिली आइएएनएस की ही रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी एंथोनी फासी ने नए ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते और टीकाकरण में स्थिरिता की वजह से अपने देश में कोरोना महामारी की पांचवीं लहर आने की आशंका जताई है।