इस्लामाबाद। पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हिंसा की धमकी देने वाले शख्स इमरान चिश्ती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह ननकाना साहिब में रहने वाले सिखों को हिंसा की धमकी दे रहा था। भारत ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले करने की धमकी देने वाले शख्स की गिरफ्तार की मांग की थी। हालांकि, गिरफ्तारी से बचने के लिए चिश्ती ने घर से ही माफी मांगी थी, लेकिन भारत के दबाव में पाकिस्तान के पंजाब की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
बताते चलें कि इस घटना की जड़ में सिख लड़की जगजीत कौर के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी कराने का मामला है। एहसान ने गुरुद्वारे के पंथी भगवान सिंह की बेटी का अपहरण कर जबरन निकाह कर उसका नाम आयशा रख दिया था। सिख समुदाय के विरोध के बाद पुलिस ने 3 सितंबर, 2019 को लड़की को छुड़ाकर उसके परिवार के हवाले कर दिया था। एहसान के भाई इमरान चिश्ती ने इसी मामले को लेकर हाल ही में गुरुद्वारे में लोगों से हिंसा की थी और गुरुद्वारे पर पत्थरबाजी की थी।
इमरान ने धमकी दी थी कि ननकाना साहिब में सिखों को रहने नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही इस जगह का नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफा कर दिया जाएगा। उधर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शुक्रवार को ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले के दो दिन बाद ही पेशावर में एक सिख युवक परविंदर सिंह की 'अज्ञात" बंदूकधारी ने हत्या कर दी। वह स्थानीय पत्रकार हरमीत सिंह के छोटे भाई थे। इसके बाद से पाकिस्तान में सिखों के बीच डर का माहौल फैला हुआ है।
हरमीत ने कहा था कि पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए कई देशों से मोटी रकम मिलती है, लेकिन उन्हें कोई संरक्षण नहीं मिला है। इसीलिए आज मुझे अपने भाई का शव ढोना पड़ रहा है। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक कि पाकिस्तानी सरकार मेरे भाई के हत्यारों को सजा नहीं देती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक खासकर सिख असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहे हैं।