कुआलालंपुर। बीच सफर में लापता हुए मलेशियाई विमान का रहस्य और गहरा गया है। तीन दिनों से जारी कई देशों के संयुक्त खोजी अभियान के बावजूद विमान का कुछ पता नहीं चल सका है। विमान में सवार 239 यात्रियों के परिजनों की उम्मीदें धुंधली पड़ गई हैं। कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहे विमान का शनिवार तड़के उड़ान भरने के एक घंटे बाद जमीन से संपर्क टूट गया था।
अमेरिका और चीन समेत दस देशों के 40 जहाज और 34 छोटे-बड़े हेलीकॉप्टर विमान की तलाश में जुटे हैं। इनमें से कुछ हेलीकॉप्टर तो ऐसी रडार तकनीक से लैस हैं जो सैकड़ों फीट की ऊंचाई से फुटबाल के आकार की वस्तु का भी पता लगा सकते हैं। विमान की खोज में चीन के दस सेटेलाइट की भी मदद ली जा रही है। लेकिन, खोजी अभियान में लगे लोगों को अब तक निराशा ही हाथ लगी है।
जिस जगह पर विमान से अंतिम बार संपर्क हुआ था, वहां से 50 नॉटिकल मील के दायरे में खोजी अभियान चलाया जा रहा है। यह स्थान मलेशिया के पूर्वी तट और वियतनाम के दक्षिणी छोर के बीच थाइलैंड की खाड़ी और दक्षिण चीन सागर में स्थित है।
मलेशिया के नागरिक विमानन विभाग के प्रमुख अजहरुद्दीन अब्दुल रहमान ने सोमवार को कहा, "दुर्भाग्य से हमें ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली है जो विमान से संबंधित हो। लापता विमान का रहस्य हैरान करने वाला है। जांचकर्ता विमान के अपहरण सहित इसके लापता होने के विभिन्न पहलुओं को लेकर जांच कर रहे हैं।"
विमान के लापता होने के पीछे आतंकी पहलू की भी जांच की जा रही है। दो यात्रियों द्वारा चोरी के पासपोर्ट पर यात्रा करने की बात सामने आने के बाद यह जांच शुरू की गई है।
ईरानी कारोबारी ने बुक कराए थे दो टिकट
कुआलालंपुर। लापता मलेशियाई विमान के पीछे आतंकी साजिश की पड़ताल कर रहे जांचकर्ताओं को पता चला है कि फर्जी पासपोर्ट पर विमान में सफर करने वाले दो यात्रियों के टिकट एक ईरानी कारोबारी ने बुक कराए थे। बीजिंग के लिए ये टिकट थाइलैंड के पर्यटन केंद्र पट्टाया की एक महिला एजेंट ने बुक किए थे।
एजेंट का कहना है कि वह कारोबारी को सिर्फ "मिस्टर अली" के नाम से जानती थी और उसने पहले भी उसके लिए टिकट बुक किए थे।