हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए मिलेगा ज्यादा वक्त
अब एक ऐसी मशीन बनाई गई है जो हृदय को ज्यादा देर तक काम लेने लायक रख सकेगी।
By
Edited By:
Publish Date: Tue, 16 Feb 2016 08:10:26 PM (IST)
Updated Date: Tue, 16 Feb 2016 08:13:43 PM (IST)
सिडनी। हमारे देश में अंगदान की घटनाएं बढ़ रही हैं। लेकिन अंगों को एक से दूसरे शहर में ले जाए जाने वक्त देर के कारण कई बार सारी कोशिश विफल हो जाती है। हृदय के साथ यह समस्या सबसे अधिक है। अब एक ऐसी मशीन बनाई गई है जो हृदय को ज्यादा देर तक काम लेने लायक रख सकेगी।
आस्ट्रेलिया के प्रिंस चार्ल्स हॉस्पिटल क्रिटिकल केयर अनुसंधान केंद्र के प्रो. जॉन फ्रेजर ने यह मशीन बनाई है। यह हृदय को रखे जाने और इसे एक से दूसरी जगह पर ले जाए जाने के दौरान ऑक्सीजन मुहैया कराती रहती है। एक्स विवो नामक यह मशीन हृदय की धड़कन को भी नियंत्रित करती है ताकि यह जरूरत से ज्यादा न धड़के। वह इसे ठंड में भी रखती है जिसकी उसे जरूरत होती है।
दुरुस्त रखने की जद्दोजहद
अभी इसका उपयोग मेलबर्न, सिडनी और ब्रिसबेन के कुछ अस्पतालों में हो रहा है। यह उसी तरह की चीज है जैसे थक गए एथलीट को कार्बोहाइड्रेट वाले पेय पदार्थ दिए जाते हैं ताकि वह तुरंत ऊर्जा हासिल कर सके।
अभी इस तरह एक से दूसरी जगह ले जाए जाते वक्त जिस बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें रक्त और कई तरह के मिनरल वाले तरल पदार्थ होते हैं। इसमें ही हृदय को रखा जाता है। बॉक्स में ऑक्सीजन लगातार दिया जाता है ताकि तरल पदार्थों के जरिये हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचे।
और क्या फायदा
हृदय को एक से दूसरे शरीर में उपयोग लायक रखने के लिए अधिकतम चार घंटे का समय डॉक्टरों के पास रहता है। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इसे जल्द-से-जल्द पहुंचाने का इसीलिए प्रयास किया जाता है। प्रो. फ्रेजर का कहना है कि उन्होंने जो मशीन बनाई है, उससे डॉक्टरों को अतिरिक्त समय मिलेगा।
अभी लाने-ले जाने के चक्कर में दान में मिले काफी हृदय बर्बाद हो जाते हैं। अब अतिरिक्त समय मिलने से 40 प्रतिशत अधिक हृदय का इस्तेमाल हो पाएगा।