उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में कई अफवाहें चल रही हैं। कहा जा रहा है कि उनका हार्ट का ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि वह ब्रेन डेड हो गए हैं। उत्तर कोरिया के अंदर से खबरें आ रही हैं कि किम जोंग पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बहरहाल, अफवाहों के इस दौर में अचानक किम जोंग उन के चाचा का नाम उत्तर कोरिया में उठने लगा है। किम प्योंग इल बीचे 40 सालों से उत्तर कोरिया के बाहर रह रहे थे, लेकिन अब उन्हें उत्तर कोरिया के सिंहासन का उत्तराधिकारी माना जा रहा है।
65 वर्षीय किम प्योंग इल उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग के अंतिम ज्ञात पुत्र हैं। 1970 के दशक में अपने सौतेले भाई, किम जोंग इल से हारने के बाद किम प्योंग इल ने हंगरी, बुल्गारिया, फिनलैंड, पोलैंड और चेक गणराज्य में कूटनीतिक पदों पर लगभग चार दशक विदेशों में रहते हुए बिताए। पिछले साल वह प्योंगयांग लौट आए थे। हालांकि, किम प्योंग इल को प्रभावी रूप से दरकिनार कर दिया गया था। उन्हें राज्य मीडिया से काफी हद तक दूर कर दिया गया था और कभी इतनी शक्ति नहीं विकसित होने दी गई कि वह नेतृत्व के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकें।
उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले कुछ जानकारों का कहना है कि वह 36 वर्षीय किम जोंग उन से शासन की बागडोर अपने हाथों में ले सकते हैं क्योंकि उन का कोई उत्तराधिकारी नहीं है। उनकी रगों में भी किम का खून है और वह एक पुरुष भी हैं। ब्रिटेन में उत्तर कोरिया के उप-राजदूत रहे थाओ योंग हो के अनुसार, प्योंगयांग में रूढ़िवादी पुरुष नेता किम जोंग उन की छोटी बहन किम यो जोंग को सत्ता देने का विरोध करेंगे, जो पिछले कुछ वर्षों से उत्तर कोरिया के लिए नीति बनाने में मदद करने के लिए अपने भाई के साथ खड़ी रही हैं। बताते चलें कि थाओ साल 2016 में भागकर दक्षिण कोरिया में चले गए थे। उन्होंने कहा कि किम यो जोंग को उनके लिंग और अपेक्षाकृत कम आयु होने की वजह से सत्ता हाथ में नहीं लेने दी जाएगी।
थाओ ने कहा कि समस्या यह है कि एक किम यो जोंग के नेतृत्व वाले उत्तर कोरिया के टिकाऊ होने की संभावना नहीं है। उन्होंने चेतावनी है कि महिला होने की वजह से उसके साथ सामूहिक नेतृत्व के रूप में अराजकता हो सकती है। इससे बचने के लिए, नेतृत्व में कुछ लोग किम प्योंग इल को वापस लाने की कोशिश करेंगे, जो अब नजरबंद हैं और सत्ता के केंद्र बिंदु भी हैं।
वहीं, दूसरों को नहीं लगता कि किम प्योंग इल के पास एक मौका है। संसद की खुफिया समिति के सदस्य दक्षिण कोरियाई सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद किम ब्योंग-की ने रविवार को सोशल मीडिया पर इस संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने अक्सर उन लोगों को निर्वासित किया है जो उनके पक्ष में नहीं होते हैं, उनके प्रभाव को मिटाने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन एक वित्तीय जीवन रेखा भी दी जाती है, ताकि वे प्योंगयांग के शासकों पर निर्भर रहें।
अगर किम प्योंग इल ने सत्ता संभाली, तो उनके प्रभाव को दशकों तक दबाने वाले वर्तमान शीर्ष नेतृत्व को संकट में डाल सकता है। जब किम जोंग उन ने साल 2011 में अपने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली, तो उन्होंने जल्द ही संभावित प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त कर दिया। उन्होंने अपने चाचा और एक बार के डिप्टी, जैंग सांग थाक को मार डाला। संदेह है कि उन्होंने मलेशिया में अपने निर्वासित बड़े सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या का आदेश दिया था।