एजेंसी, खार्तूम। सूडान गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। पिछले कई सालों से वहां की जनता रोटी के लिए तरस रही है। भीषण आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस देश में महिलाओं के साथ हो रही दरिंदगी की एक शर्मसार करने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
गार्जियन की एक रिपोर्ट में उस नर्क से बचकर भागी दो दर्जन महिलाओं ने अपने साथ हुई बर्बरता पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे एक वक्त के भोजन के लिए उनको सैनिकों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। यह हालात आज भी सूडान की एक आम औरत झेल रही है।
कहानी सूडान के ओमदुमन शहर से भागी महिलाओं की जुबानी....
हमारे पास करने कोई काम नहीं था। युद्ध ने सब तबाह कर दिया। बच्चों को पालने के लिए पैसा नहीं था। अब यही एक आखिरी रास्ता बचा था, जिससे हम परिवार के लिए भोजन जुटा सकते थे। हमने उनके साथ यौन संबंध बनाए, तब उन्होंने हमें खाली घरों से जरूरत का सामान ले जाने दिया।
सूडान में पैसा नहीं बचा है। वह लोग सैनिकों को सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं। वहां सैनिकों को वेतन के बदले दुष्कर्म करने की इजाजत मिली हुई है। इस तरह के फरमान कई बार आ चुके हैं। हमारी स्थिति सूडान में बहुत ही खराब है। महिलाएं के शरीर पर उनका हक नहीं है।
हमारे शहर में फैक्ट्रियों को बम से तबाह कर दिया। इनमें खाद्य पदार्थों को रखा जाता है। मेरे माता-पिता उम्रदराज हैं। उनमें अब खड़े होने की भी ताकत नहीं बची है। मैंने अपनी बेटी की हिफाजत की। मैं जानती थी कि वह अगर घर से बाहर भोजन की तलाश में निकली, तो उसके साथ क्या होगा। मैं नहीं चाहती थी कि वह इस दरिंदगी का अनुभव करें। मैंने सैनिकों के पास गई, क्योंकि यही एकमात्रा रास्ता था अपने परिवार को बचाने का।