G-20 में सभी देशों ने माना- संकट में है वैश्विक अर्थव्यवस्था
G-20 देशों के समूह ने आतंकवाद, आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार सहित कई मसलों पर एक साझा घोषणापत्र भी जारी किया।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 29 Jun 2019 10:02:10 PM (IST)
Updated Date: Sat, 29 Jun 2019 10:54:45 PM (IST)
ओसाका। G-20 शिखर सम्मेलन में शनिवार को सभी देशों ने यह माना कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए लगातार जोखिम बढ़ रहे हैं। इन देशों के नेताओं ने मुक्त और स्थिर व्यापार का उत्तम वातावरण बनाने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार की वकालत की। इसके साथ ही G-20 देशों के समूह ने आतंकवाद, आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार सहित कई मसलों पर एक साझा घोषणापत्र भी जारी किया।
साझा घोषणापत्र में कहा गया है कि यह संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ यह संगठन काम करेगा और भ्रष्टाचारियों को सुरक्षित आश्रय नहीं दिया जाएगा। उनकी संपत्ति वसूली में आपसी देश सहयोग करेंगे। सदस्यों ने संशोधित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के मानकों को मनी लांड्रिंग व आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबला करने के लिए लागू करने पर सहमति व्यक्त की।
यह भी फैसला किया गया कि मजबूत और समावेशी विकास के लिए सभी नीतिगत साधनों का उपयोग किया जाएगा और जोखिमों से बचाव किया जाएगा। वैश्र्िवक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समूह ने कहा कि हम एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण, पारदर्शी, पूर्वानुमानित और स्थिर व्यापार और निवेश वातावरण का एहसास करने और अपने बाजारों को खुला रखने का प्रयास करते हैं।
ये हैं सदस्य देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, चिली, मिस्त्र, एस्टोनिया, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, सेनेगल, सिंगापुर, स्पेन और वियतनाम G-20 के सदस्य हैं। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), विश्व बैंक और अन्य सात वैश्विक निकाय भी इसका हिस्सा हैं।