लंदन। कतर में 2022 में फुटबॉल विश्व कप का आयोजन होना है। फीफा के इस टूर्नामेंट में कुल 62 मैच खेले जाएंगे। ब्रिटिश अखबार गार्डियन के मुताबिक सात साल बाद होने वाले इस टूर्नामेंट का हर एक मैच 62 मजदूरों के बलिदान के बाद खेला जाएगा।
अखबार के अनुसार इस आयोजन की तैयारियां पूरी होते-होते करीब चार हजार प्रवासी मजदूर इस दुनिया को छोड़कर जा चुके होंगे। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार 2010 से अब तक विश्व कप से जुड़ी निर्माण परियोजनाओं में 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। डेली मेल ने यह आंकड़ा 1400 के करीब बताया है। इनमें आधे से ज्यादा भारत और नेपाल के श्रमिक हैं।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार गुलामों जैसी बदतर स्थिति में रहने और काम करने के कारण मजदूरों की मौत हो रही है। मजदूरों से 12-12 घंटे तक काम करवाया जाता है। गर्मी के बहद तपते दिनों में भी सप्ताह में एक दिन की भी छुट्टी नहीं मिलती है। संगठन के अनुसार ऊंचाई से गिरने के कारण घायल हुए अब तक 1000 से मजदूर दोहा के मुख्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराए गए हैं। इनमें से 10 फीसद शारीरिक रूप से अक्षम हो गए।
बलिदानों के बाद आयोजन
साल जगह खेल मौतें
2008 बीजिंग ओलंपिक 06
2010 वैंकूवर ओलंपिक 01
2010 दक्षिण अफ्रीका फीफा वर्ल्ड कप 02
2012 लंदन ओलंपिक 01
2014 ब्राजील फीफा वर्ल्ड कप 10
2014 सोची ओलंपिक 60
खेलेंगे कि गश खाएंगे
फीफा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद कतर से मेजबानी छिनने का खतरा मंडरा रहा है। दूसरी समस्या, इस देश में गर्मियों में आयोजन को भी लेकर है। खुद फीफा अध्यक्ष सैप ब्लाटर ने माना है कि 40 डिग्री से ज्यादा के तापमान में खिलाड़ी खेलेंगे या गश खाकर मैदान में गिरेंगे। इतनी गर्मी में डेढ़ घंटे तक दौड़ना भी जानलेवा हो सकता है।
सोशल मीडिया में प्रायोजक पानी-पानी
मजदूरों की मौत और जिस तरह की स्थिति में वे काम कर रहे हैं उसको लेकर सोशल मीडिया में फीफा वर्ल्ड कप की प्रायोजक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। एडिडास, मैकडॉनल्ड, कोका-कोला, वीजा, सोनी जैसी कंपनियां प्रायोजक हैं।
इंटरनेट पर इन कंपनियों के लोगों में बदलाव कर इन्हें मानवाधिकार हनन और गुलामी के प्रायोजक के तौर पर पेश किया जा रहा है। अभियान के बाद कंपनियों ने बचाव करते हुए कहा है कि मजदूरों को काम का सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना फीफा की जिम्मेदारी है। कोका कोला ने बयान जारी कर कहा है कि वह दुनिया में कहीं भी मानवाधिकार हनन का समर्थन नहीं करती है।