इस्लामाबाद, एजेंसी। इमरान खान समर्थक रैली के हिंसक रूप लेने के बाद पाकिस्तान राजनीतिक अशांति से जूझ रहा है। एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। हिंसा के बाद सरकार ने अराजकता को रोकने के लिए "देखते ही गोली मारने" का आदेश दे दिया है।
इससे देश भर में तनाव और बढ़ गया है। सोमवार देर रात इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में घुस गए। देशव्यापी अशांति को रोकने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयास विफल हो गए। बताते चलें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) की तरफ से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था।
इसके जवाब में बड़ी संख्या में आम लोग इस्लामाबाद की ओर कूच कर गए। पीटीआई ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि "हजारों पाकिस्तानी इस्लामाबाद में शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे हैं।" इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
प्रदर्शनकारी तीन प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली, 26वें संविधान संशोधन को रद्द करना और संविधान को बहाल करना। दूसरा, चुना हुआ शासनादेश फिर से लाना और तीसरा, राजनीतिक कैदियों की रिहाई की जाए।
पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन के अनुसार, शुरू में 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया जाना था। मगर, काफिले ने एक रात पहले अपनी यात्रा रोक दी। पीटीआई नेताओं ने कहा कि वे अपने उच्च-स्तरीय विरोध प्रदर्शन के लिए राजधानी पहुंचने की जल्दबाजी में नहीं थे।
दरअसल, देशभर में पार्टी समर्थक और कार्यकर्ता गिरफ्तारी, लाठीचार्ज और आंसू गैस का सामना करते हुए प्रदर्शन में शामिल हो रहे थे। एक्स पर एक अन्य पोस्ट में इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई ने लिखा, "लगभग 20 लोगों को वर्तमान फासीवादी सरकार ने सीधे गोली मारी है। नागरिकों को शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध के लिए इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए सरकार क्रूर बल का इस्तेमाल कर रही है।"
पीटीआई की तरफ से कहा गया है कि सरकार ने दमन के हर तरह के साधनों का इस्तेमाल किया है। इसमें एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले चलाना, रबर की गोलियां दागना और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल करना शामिल हैं। उन्होंने असंतोष को दबाने के लिए हर तरह की रणनीति का सहारा लिया है।
पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि यह सेना-समर्थित शासन चुराए हुए जनादेश से चिपका हुआ है, जिसे पाकिस्तान के लोग अपने असली विजेता, इमरान खान को वापस करने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान में लगभग लॉकडाउन के साथ स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
पार्टी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान में जारी स्थिति पर तुरंत हस्तक्षेप करने, लोकतंत्र की बहाली करने और मानवाधिकारों की रक्षा की वकालत करने का आग्रह किया है। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को पाकिस्तानी लोगों के शांतिपूर्वक विरोध करने के अधिकार का समर्थन व्यक्त किया और पाकिस्तानी अधिकारियों से मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान किया।