एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुई हिंसा थमने के नाम नहीं ले रही है। पहले लग रहा था कि शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अराजकता व उपद्रव थम जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पांच जुलाई को शेख हसीना के भारत आने के बाद से डकैती, लूटपाट और हिंसा ने लोगों के मन में खौफ भर दिया है। वह रात को बिना सोए घर के बाहर पहरा दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट मानें तो हसीना के इस्तीफा देने के बाद से देश भर में हो रही हिंसा के कारण 232 लोग मर गए हैं। जुलाई में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में आंदोलन शुरू हुआ था, तब से लेकर अब तक 560 लोग मारे जा चुके हैं। यह हिंसा अभी भी जारी है।
इस हिंसा में भीड़ हिंदुओं व मंदिरों को टारगेट कर रही है। इस हमले से परेशान होकर हिंदू देश छोड़कर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा ही है। देश में सुरक्षा की स्थिति पूरी तरह से चौपट हो गई है। हिंसक भीड़ मौका पाकर सुरक्षाकर्मियों को तक पर हमला कर रही है। यह अल्पसंख्यकों के घरों को लूटने का काम कर रहे हैं। इस दौरान यह नकदी व गहने लूट कर ले जा रहे हैं।
ढाका में बहुत से लोगों को बुधवार रात बिना सोए गुजारनी पड़ी। फेसबुक पर कई लोगों ने ढाका में बनी इस स्थिति पर पोस्ट किया है। वह इस दौरान सुरक्षा गार्ड की भूमिका नजर आ रहे हैं। इस हिंसा से बचाने के लिए ढाका पुलिस नजर नहीं आई, लेकिन वह भी काम पर लौटती दिखाई दे रही है।