Drilling into Earth: चीन धरती में क्यों कर रहा 10 किमी का गहरा गड्ढा, ये देश भी कर चुके हैं नाकाम कोशिश
Drilling into Earth चीन के भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम को उम्मीद है कि 10 किमी की गहराई पर उन्हें 145 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानें मिल
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 02 Jun 2023 01:41:02 PM (IST)
Updated Date: Wed, 14 Jun 2023 09:57:27 AM (IST)
Drilling into Earth। धरती और ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर इंसान की जिज्ञासा लगातार अध्ययन के बाद भी खत्म नहीं हो रही है और यही कारण है कि भूगर्भ व खगोल वैज्ञानिक धरती में गहरी चट्टानों का अध्ययन करने के लिए गहरा गड्ढा खोदने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। अब चीन के भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने शिनजियांग प्रांत के तारिम बेसिन में 10 किमी गहरा गड्ढा खोलने का काम शुरू किया है।
क्रेटेशियस काल की चट्टानों की तलाश
चीन 10 किमी गहरा गड्ढा करते आज करीब 14.5 करोड़ साल पुरानी क्रेटेशियस काल की चट्टानों तक पहुंच हासिल करना चाहता है ताकि ब्रह्मांड व धरती की उत्पत्ति को समझा जा सके।
चीन के भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम को उम्मीद है कि 10 किमी की गहराई पर उन्हें 145 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानें मिल सकती है।
चीन ने यह परियोजना झिंजियांग प्रांत के तारिम बेसिन में 30 मई को शुरू की है। चीन ने उत्खनन के ये काम सबसे बड़े रेगिस्तान तकलामकन में शुरू किया है और आधिकारिक तौर पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्यों का खुलासा नहीं किया है।
चट्टानों के परीक्षण से मिलेगी ये जानकारी
145 मिलियन साल पुराने क्रेटेशियस काल की चट्टानों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को
धरती के शुरुआती विकास, जलवायु परिवर्तन और जीवन के फलने-फूलने के बारे में विस्तार से जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वैज्ञानिकों को ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप और जलवायु में बदलाव जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की पहचान करने करने में मदद मिलेगी।
10 किमी की खुदाई करना बेहद चुनौतीपूर्ण
धरती में 10 हजार मीटर का गहरा बोरवेल करना आसान काम नहीं है। मानव के लिए ये एक बहुत ही साहसिक प्रयास है और चीन से पहले भी कई देश ऐसा प्रयास कर चुके हैं, लेकिन गहराई बढ़ने के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी के कारण खुदाई कर पाना संभव नहीं होता है। तकनीक उपकरण भी भारी तापमान के बीच काम नहीं कर पाते हैं।
मानव निर्मित गहरा गड्ढा 12262 मीटर का
भले ही चीन जो गड्ढा खोद रहा है, वह काफी गहरा हो, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। धरती पर सबसे गहरे मानव निर्मित बोरवेल का वर्तमान रिकॉर्ड रूस में कोला सुपरडीप बोरहोल के पास है, जो 12,262 मीटर की गहराई तक पहुंचा था। 12,262 मीटर की गहराई पर जब तापमान 180 डिग्री तक पहुंच गया था तो साल 1992 में रूप ने खुदाई परियोजना पर रोक लगा दी।
रूस ने आखिरकार ढक दिया गहरा गड्ढा
रूस ने साल 2008 में घोषणा की थी कि वह गहरे गड्ढे को ढक देंगे।रूस की कोला परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की ऊपरी सतह और मेंटल का अध्ययन करना था, लेकिन धरती में नीचे तापमान बढ़ने के कारण ड्रिलिंग का कार्य संभव नहीं हो सकता था। रूस और चीन के अलावा अमेरिका और जर्मनी भी धरती में गहरे बोरवेल खोदने के नाम प्रयास कर चुके हैं।