ताइपे। पूर्वी एशिया भयानक शीत लहर की चपेट में हैं। इसके कारण करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इस इलाके में सामान्य तौर पर इस तरह का मौसम देखने को नहीं मिलता। सबसे ज्यादा 85 मौतें ताइवान में हुई है। राजधानी ताइपे में सोमवार को तापमान गिरकर चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बीते 16 सालों का यह सबसे कम तापमान है।
ताइवान सेंट्रल वेदर ब्यूरो के अनुसार ताइपे में इस समय अमूमन औसतन तापमान 16 डिग्री के आसपास रहता है। दक्षिण कोरियाई राजधानी सियोल में तापमान गिरकर रविवार को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। 2001 के बाद यह सबसे कम है। जेजू द्वीप में करीब पांच इंच बर्फ गिरी जो 1984 के बाद सर्वाधिक है। शनिवार से हवाई अड्डे बंद हैं और अब तक 11 सौ उड़ानें रद की जा चुकी हैं।
इसके कारण साठ हजार सैलानी फंस गए हैं। जापान में भारी बर्फबारी से छह लोगों के मरने और छह सौ उड़ानें रद होने की खबर है। चीन के ग्वांगझू शहर में 1967 के बाद पहली बार रविवार को बर्फबारी हुई। शिन्हुआ के अनुसार ठंड के कारण दक्षिणी चीन में अब तक चार लोगों की मौत हुई है। वियतनाम और थाइलैंड में भी आम जनजीवन इससे प्रभावित हुआ है।
अमेरिका में बर्फीले तूफान से 25 की मौत
25 लोगों की जान लेने के बाद अमेरिका के पूर्वी हिस्से में बर्फीला तूफान स्नोजिला कमजोर पड़ गया है। न्यूयॉर्क सहित कई शहरों में यात्रा प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। राजधानी वाशिंगटन अभी भी इसकी चपेट में है और सोमवार को भी यहां सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज बंद रहे। शुक्रवार से रविवार तक दर्जनभर राज्यों को अपनी चपेट में रखने वाले इस तूफान से साढ़े आठ करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
अमेरिका के पिछले 100 साल के इतिहास के सबसे भयंकर बर्फीले तूफानों में से एक के कारण करीब 12 हजार उड़ानें रद करनी पड़ीं। सोमवार को भी छह सौ ज्यादा उड़ानें रद की गईं। तूफान से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। जनवरी 1996 में इसी स्तर के तूफान से 311 अरब रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। बीमा कंपनियों को 6229 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा था।