Canada India Row: नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर आरोप लगाने के बाद अपने घर के अंदर ही कैद होकर रह गए हैं। एक तरफ जहां भारत ने ट्रूडो के बयान पर पलटवार किया है वहीं दूसरी ओर कनाडा के नेताओं ने भी इस मामले में उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
कनाडा में बलूच मानवाधिकार परिषद (बीएचआरसी) ने पीएम जस्टिन ट्रूडो पर मानवाधिकार कार्यकर्ता करीमा बलूच की हत्या को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ट्रूडो ने निज्जर की हत्या पर तो दुख जता रहे हैं, लेकिन तीन साल पहले करीमा की हत्या के मामले में अब तक कुछ नहीं कहा। बीएचआरसी ने कहा कि करीमा का अपहरण करने के बाद हत्या हो गई थी, उन्होंने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप भी लगाया।
मानवाधिकार कार्यकर्ता करीमा बलूच लगातार पाकिस्तान सरकार और सेना का विरोध कर रही थी। करीमा ने पाकिस्तान सरकार के कामों को बेनकाब किया है। वो लगातार बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की मांग कर रही थी। वह बलूचिस्तान को अलग देश बनाने के लिए चल रहे आंदोलन का प्रमुख चेहरा थी।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ भी करीमा बलूच ने मोर्चा खोल रखा था। इसके बाद ही उन्हें निशाना बनाया गया। करीमा आईएसआई बचकर कनाडा आ गई थी, लेकिन यहां भी उनके रिश्तेदारों की मौत हो गई।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई करीमा को लगातार धमकी दे रही थी। इस दौरान 2020 में टोरंटो में उनका शव मिला। करीमा के परिजनों ने इसमें पाकिस्तान का हाथ होने का आरोप लगाया, लेकिन कनाडा सरकार ने उसे आत्महत्या बताकर केस को बंद कर दिया।