Beggars with QR code in China: चीन में भिखारी भी हुए डिजिटल, भीख मांगने करते हैं QR कोड का इस्तेमाल
Beggars with QR code in China: चीन में कैशलेस पेमेंट का चलन इस कदर बढ़ गया है कि अब भिखारी भी इसका इस्तेमाल कर रहे
By Neeraj Vyas
Edited By: Neeraj Vyas
Publish Date: Sat, 13 Jul 2019 09:41:37 AM (IST)
Updated Date: Sat, 13 Jul 2019 09:50:14 AM (IST)
मल्टीमीडिया डेस्क। भारत को 'डिजिटल इंडिया' में तब्दील करने के लिए पिछले कुछ सालों में कोशिशें तेज हुई है। लेकिन हमारा पड़ोसी देश चीन इस मामले में कितना आगे निकल चुका है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां अब भिखारी भी डिजिटल-कैशलेस हो चुके हैं। वे भीख मांगने के दौरान खुल्ले पैसे ना होने का बहाना करने वाले लोगों के लिए QR कोड का इस्तेमाल कर रहे है।
ये बात सुनकर भले ही हैरानी हो लेकिन ये हकीकत है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के भिखारी अब ज्यादा से ज्यादा मोबाइल पेंमेंट जैसी डिजिटल सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। चीन के सार्वजनिक स्थानों और पर्यटन स्थलों पर इस तरह से भीख मांगते हुए भिखारी आसानी से नजर आ जाते हैं।
चीन में भिखारियों को कैशलेस भीख देने का चलन बढ़ने के बाद एक ग्रे बिजनेस भी शुरू हो चुका है। कुछ भिखारियों ने अपना स्टार्टअप भी शुरू किया है। जब भी किसी व्यक्ति द्वारा किसी भिखारी को कैशलेस पेमेंट के जरिये भीख दी जाती है तो उस भिखारी के पास भीख देने वाले का डेटा पहुंच जाता है। सभी भिखारियों द्वारा जमा किया जाने वाले ये डेटा आखिर में कंपाइल कर बाजार में बेचा जा रहा है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, भिखारी हर स्कैन के जरिये 7 से 15 रुपए तक कमा रहे हैं। इसकी मदद से उन्हें इस छोटे से बिजनेस को प्रमोट करने में मदद मिल रही है।
बता दें कि QR कोड सिस्टम 1994 में जापानी कंपनी डेंसो वेव ने विकसित किया था। इसका मकसद मैन्युफेक्चर किए गए वाहनों को ट्रैक करना था। धीरे-धीरे ये कोडिंग सिस्टम दक्षिण कोरिया और जापान में ऑनलाइन पेमेंट के लिए इस्तेमाल होने लगा था। लेकिन ये किसी ने भी नहीं सोचा था कि चीन में इस पेमेंट सिस्टम को इतनी बड़ी सफलता मिलेगी।