Bangladesh Student Protests: बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर विवादित फैसला पलटा, इसी कारण भड़की थी हिंसा, हुई 140 लोगों की मौत
बांग्लादेश सरकार ने 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का फैसला किया था। छात्र संगठन इसी का विरोध (Quota Protest Bangladesh) कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद उम्मीद है कि बांग्लादेश में शांति आएगी।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 21 Jul 2024 09:52:24 AM (IST)
Updated Date: Sun, 21 Jul 2024 02:18:40 PM (IST)
आरक्षण का विरोध करते छात्र। HighLights
- प्रधानमंत्री शेख हसीना रद किया अपना विदेश दौरा
- US ने भी अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
- फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के प्रयास जारी
एजेंसी, ढाका (Quota Protest Bangladesh)। बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने रविवार को वह विवादित फैसला वापस ले लिया, जिसमें 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। रविवार को इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
दरअसल, 2018 में भी छात्रों का प्रदर्शन हुआ था और इसके बाद सरकार ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस पर मुक्ति संग्राम में शामिल लोगों के रिश्तेदारों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया। फिर केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अब सुनवाई हुई।
सुनवाई से पहले ही प्रधानमंत्री शेख हसीना में प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा था। उम्मीद की जा रही है कि अब प्रदर्शन खत्म हो जाएगा।
छात्र संगठन कर रहे थे प्रदर्शन
आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन पिछले दिनों से जारी है। सेना तैनात करने और देशभर में कर्फ्यू लगाने के बाद भी हालात काबू नहीं हुए, तो सरकार को देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े थे।
इस दौरान बांग्लादेश में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के प्रयास जारी रहे। अब तक 1000 छात्रों को भारत लाया जा चुका था। वहीं, 4000 अभी भी फंसे थे। भारत सरकार पहले ही बांग्लादेश में रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है।
Bangladesh Student Protests: 10 बिंदुओं में जानिए कैसे जल उठा बांग्लादेश
- 1971 मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के रिश्तेदारों को नौकरियों में आरक्षण का विरोध शुरू हुआ।
- नरसिगडी में प्रदर्शनकारियों ने जेल पर धावा बोलकर 850 से अधिक कैदियों को छुड़ा लिया और जेल में आग लगा दी थी।
- देखते ही देखते प्रदर्शन पूरे बांग्लादेश में फैल गया। पुलिस से हालात काबू नहीं हुए तो सेना बुलाई गई। कर्फ्यू लगाया गया।
- इसके बावजूद हिंसा नहीं थमी। शनिवार को आगजनी और झड़पों की छिटपुट घटनाएं सामने आईं। चार लोगों की मौत हुई।
- कर्फ्यू के दौरान शनिवार दोपहर को जरूरी सामान की खरीदारी के लिए दो घंटे की छूट दी गई थी।
- भारत समेत विभिन्न देशों ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों को अलर्ट किया और एडवाइजरी जारी की।
- पूरे देश में इंटरनेट बंद कर दिया गया। न्यूज चैनलों का प्रसारण ठप हो गया। वेबसाइट्स भी अपडेट नहीं हुईं।
- व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया हैंडल भी बंद रहे। फोन कॉल्स और SMS भी बंद।
- बांग्लादेश में शुक्रवार को छुट्टी रहती है। सरकार ने रविवार और सोमवार को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
- इस बीच, शांति के प्रयास तेज कर दिए गए। सरकार और प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को वार्ता हुई।