एजेंसी, ढाका (Bangladesh quota protests)। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर पिछले दिनों से चला आ रहा प्रदर्शन बेकाबू हो गया है। इसके बाद शेख हसीना सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया। सेना तैनात कर दी गई है। इस बीच, वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने की कोशिशें भी शुरू हो गई है। अब तक सरकार अपने 400 नागरिकों को सुरक्षित निकालने में सफल रही है।
बता दें, बांग्लादेश सरकार ने 1971 के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले परिवारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। छात्र संगठन इसी का विरोध कर रहे हैं। देखते ही देखते यह प्रदर्शन देशभर में फैल गया।
पिछले कई दिनों से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की खबरें आ रही थीं। गुरुवार को ही ऐसी झड़पों में 32 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सरकार ने राजधानी ढाका में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। फिर भी हालात नहीं सुधरे तो शुक्रवार रात सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने पूरे देश में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी।
बांग्लादेश सरकार से अपील है कि वह बातचीत के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करें। साथ ही प्रदर्शनकारियों को बातचीत में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करे। हिंसा कभी भी समाधान नहीं है। - एंटोनियो गुटेरेस, संयुक्त राष्ट्र महासचिव
भारत सरकार ने बांग्लादेश के हालात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वहां रह रहे अपने करीब 15 हजार नागरिकों को अलर्ट रहने को कहा है। एडवाइजरी के अनुसार, लोगों को अपने घर में रहने के लिए ही कहा गया है। साथ ही भारत में रह रहे लोगों को बांग्लादेश की यात्रा नहीं करने की अपील की गई है।