अमेरिका के तीन नागरिकों ने TCS पर किया भेदभाव बरतने का केस
उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेरिका में प्रशिक्षित नागरिक होने के बावजूद टीसीएस वीजा पर कर्मचारियों को लाना पसंद करती है।
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Publish Date: Tue, 25 Sep 2018 03:09:59 PM (IST)
Updated Date: Tue, 25 Sep 2018 03:20:09 PM (IST)
वॉशिंगटन। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के खिलाफ अमेरिका के तीन नागरिकों ने केस दर्ज किया है। उनका आरोप है कि कंपनी नस्ल और राष्ट्रीय मूल को लेकर भेदभाव करती है। इन लोगों ने कंपनी से मुआवजा दिलाने की मांग की है।
न्यूजर्सी के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पिछले महीने डेरिल स्टेसी, डोनल्ड स्टीफन ब्रैडली और हेशाम हाफिज ने टीसीएस के खिलाफ मामला दायर किया है। स्टेसी और ब्रैडली सदर्न कैलिफोर्निया एडिसन, जबकि हाफिज कनेक्टिकट में रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में जॉब करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेरिका में प्रशिक्षित नागरिक होने के बावजूद टीसीएस वीजा पर कर्मचारियों को लाना पसंद करती है। अमेरिका में नियुक्ति करने पर भी कंपनी की ओर से भेदभाव किया जाता है। उनका कहना है कि टीसीएस भारतीयों और दक्षिण एशिया के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।
यह ताजा मामला है जब देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी टीसीएस के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। इससे पहले देश की अन्य बड़ी इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनियों इंफोसिस और एससीएल टेक्नोलॉजीस के खिलाफ भी अमेरिका में कानूनी मामले दर्ज हुए हैं। यह काफी संवेदनशील समय है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति देश में इमिग्रेशन के विरोधी हैं।
ट्रंप ने एच1बी वीजा जारी करने को लेकर जांच बढ़ा दी है। ट्रंप प्रशासन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में लागू की गई उस नीति को भी खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके तहत एच1बी वीजा के तहत अमेरिका आने वाले लोगों को अपने पार्टनर को भी अमेरिका में नौकरी करने की अनुमति मिली थी।