Rohini Nakshatra: 27 नक्षत्रों में रोहिणी का स्थान चौथा है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु ग्रह है। यह बैल गाड़ी या रथ की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र के देवता प्रजापति और लिंग स्री है। इस नक्षत्र के जातक जल्दबाज़ी छोड़ संयमित होकर कार्य करें तो जीवन में विशेष सफलता प्राप्त कर सकते हैं। युवावस्था में इन्हें कुछ संघर्ष करना पड़ सकता है, लेकिन अड़तीस वर्ष की अवस्था के बाद इनके जीवन में स्थिरता आने की पूरी संभावना है।