Rahu: ज्योतिष में राहु ग्रह को पापी ग्रह माना जाता है। इसे किसी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। मिथुन राशि में यह उच्च और धनु राशि में नीच होता है। 27 नक्षत्रों में राहु आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है। ज्योतिष में राहु ग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता है। दरअसल, सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आता है, तो पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। इसे कठोर वाणी, जुआ, यात्राएँ, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएँ आदि का कारक माना जाता है।