Pushya Nakshatra: वैदिक ज्योतिष के अनुसार सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य। यह चक्र या पहिये की तरह दिखायी देता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है,देवता बृहस्पति और लिंग पुरुष है। पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला। इसे सबसे शुभ, सुंदर तथा कल्याणकारी माना गया है। इस नक्षत्र के साथ गुरूवार हो तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान चंद्रमा स्वराशि यानी कर्क में स्थित होता है। इसलिए धन-संपत्ति की खरीद के लिए इसे सबसे शुभ माना जाता है।