यदि जातक का जन्म इस नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ हो, तो ऐसे जातक दानी, सच्चाई पसन्द और गाने बजाने के शौकीन होते हैं।
Purva Bhadrapada Nakshatra: आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पूर्वा भाद्रपद 25वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के देवता हैं, अज एकपाद यानी एक पैर वाला अजन्मा। बारह राशियों में से पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरण कुम्भ राशि में और आखिरी एक चरण मीन राशि में आता है। पूर्वा भाद्रपद का अर्थ होता है, शुभ पद यानी भाग्यशाली पैरों वाला नक्षत्र। इसलिए पूर्वाभाद्रपद ऐसा नक्षत्र है, जिसके आगमन से लोगों का कल्याण हो। यह नक्षत्र कुंभ राशि और मीन राशि को जोड़ता है।