Mrigasira Nakshatra: 27 नक्षत्रों में इस मृगशिरा नक्षत्र पांचवें स्थान पर आता है। इसे मृगशीर्ष या मृगाशिर भी कहते हैं, जिसका अर्थ मृग यानी हिरन का सिर है। यह नक्षत्र वृष और मिथुन दोनों राशियों को जोड़ने वाला नक्षत्र है। इसका स्वामी ग्रह मंगल है, वहीं इसके देवता चंद्रमा हैं। इनका जीवन का प्रथमार्द्ध उतार-चढ़ाव वाला होता है। ये किसी कार्य को निरन्तर अथवा लगातार जारी नहीं रख सकते।