Moon: ज्योतिष में चंद्र ग्रह को सिंचाई, पेय पदार्थ, दूध, दही, घी, मक्खन, मछली, नौसेना आदि कार्यों से जोड़ा जाता है।
Chandra: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राशिफल को ज्ञात करने के लिए व्यक्ति की चंद्र राशि को आधार माना जाता है। चंद्रमा की गति के कारण ही विंशोत्तरी, योगिनी, अष्टोत्तरी दशा आदि बनती हैं। चंद्रमा राशियों में कर्क और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी होता है। इसका आकार ग्रहों में सबसे छोटा है परंतु इसकी गति सबसे तेज़ होती है। यह मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति, धन-संपत्ति, रक्त, बायीं आँख, छाती आदि का कारक होता है। शुक्ल पक्ष की पंचमी से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तक के चंद्रमा को शुभ फल देनेवाला माना जाता है।