Dhanishta Nakshatra: राशिचक्र के 27 नक्षत्रों में से धनिष्ठा 23वें स्थान पर आता है। यह नक्षत्र चार तारों से मिलकर बना हुआ है। इसकी आकृति मंडल या मृदंग के समान दिखाई देती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल और देवता वसु हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के पहले दो चरण से उत्पन्न जातक की जन्म राशि मकर होती है और अंतिम दो चरण में जन्म होने पर कुंभ राशि। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर शनि और मंगल का विशेष प्रभाव पड़ता है। नक्षत्र का अर्थ है सबसे धनवान।