Ashlesha Nakshatra: यह राशिचक्र का नौवां नक्षत्र है। यह नक्षत्र पूरी तरह कर्क राशि के अंदर आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। चंद्रमा अश्लेषा नक्षत्र का शासक ग्रह है। यह एक कुंडलित सर्प प्रतीत होता है जो कुंडलिनी ऊर्जा का प्रतीक है। अहि या नागराज इस नक्षत्र के लिए हिंदू देवता है। यह कुंडलित साँप की तरह दिखायी देता है। इसका प्राथमिक गुण राजसिक है, लेकिन माध्यमिक और तृतीय स्तर पर सत्व है। अश्लेषा का मतलब है किसी व्यक्ति या चीज को पूरी तरह जकड़ लेना। अश्लेषा अंतर्दृष्टि और अंतर्ज्ञान की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।