भरत मानधन्या, नईदुनिया, इंदौर(Animation Policy)। आईटी के क्षेत्र में तेजी से उभरता मध्य प्रदेश अब एनिमेशन के क्षेत्र में भी पंख फैला रहा है। राज्य सरकार एनिमेशन नीति के ड्राफ्ट को मंजूरी दे चुकी है और उम्मीद है जल्द ही इसे कैबिनेट से हरी झंडी मिल जाएगी। इसके साथ ही स्वयं की एनिमेशन नीति लागू करने के मामले में मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। इससे पूर्व केरल एनिमेशन नीति लागू कर चुका है।
बता दें, केंद्र सरकार ने एनिमेशन सेक्टर को सनराइज सेक्टर के रूप में चुना है और केंद्रीय स्तर पर एनिमेशन नीति लागू करने का फैसला किया। इसके बाद करीब दस राज्यों ने भी अपनी-अपनी एनिमेशन नीति बनाने की तैयारी शुरू की।
एनिमेशन नीति को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने नवंबर, 2023 में काम शुरू किया था और अगस्त 2024 तक ड्राफ्ट बना लिया गया। मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के अधिकारियों के अनुसार, ड्राफ्ट को कैबिनेट में भेजा जाएगा।
एनिमेशन नीति का नाम एवीजीसी-एक्सआर नीति दिया गया है। इसका पूरा नाम एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कामिक्स एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) है। इस नीति के अंतर्गत सरकार प्रदेश में इस सेक्टर को बढ़ावा देगी।
एनिमेशन इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार ने अपने ड्राफ्ट में मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आने वाली कंपनियों को कई प्रकार की सब्सिडी देने का प्रविधान किया है। यह सबसे बड़ा पहलू है, जो प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करेगा।
- एनिमेशन क्षेत्र में नए निवेश की राशि पर 25 प्रतिशत कैपिटल निवेश सब्सिडी, जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी। यह पांच करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर लागू होगी और कम से कम 50 नई नौकरियों का सृजन करेगी।
- 15 हजार वर्गफीट तक के आफिस स्पेस के लिए किराये पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति वर्ष की प्रतिपूर्ति।
- इंटरनेट शुल्क की प्रतिपूर्ति और विद्यार्थियों को आईपी विकास पर 25 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रविधान।
- प्रोडक्शन पर सब्सिडी, जिसके अनुसार उत्पादन खर्च पर 35 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति दी जाएगी, जो अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति कंपनी प्रति वर्ष होगी। एक वर्ष में अधिकतम तीन बार ही इसे दिया जाएगा।
- इस सेक्टर में फिलहाल करीब तीन हजार लोग काम कर रहे हैं। नीति लागू होने के बाद पांच साल में 50 हजार नए रोजगार का सृजन होगा।
- एनिमेशन से जुड़ी 250 से 300 कंपनियां फिलहाल काम कर रही हैं। पांच साल में 250 नई कंपनियां शुरू होंगी।
- प्रदेश में एनिमेशन सेक्टर से जुड़े 150 नए स्टार्टअप शुरू होंगे।
- केंद्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश में सेंटर आफ एक्सिलेंस खुलने की उम्मीद है।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है मध्य प्रदेश में एनिमेशन को लेकर सर्वाधिक काम फिलहाल इंदौर में ही चल रहा है। इंदौर में करीब 50 छोटे-बड़े संस्थान हैं और करीब 150 कंपनियां काम कर रही हैं। एनिमेशन नीति लागू होने से सबसे अधिक फायदा इंदौर को होगा, क्योंकि यहां पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के ऐसे युवा जो अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं, वे भी प्रदेश दोबारा लौटेंगे।
मध्य प्रदेश में यह नीति लागू करना अच्छा कदम होगा। नए संस्थान खुलेंगे और इस क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार होगा। साथ ही विदेशी कंपनियां भी अपने स्टूडियो यहां खोलेंगी और विदेशी काम भी आएगा, जिससे प्रदेश को विदेशी मुद्रा मिलेगी। - अर्पित दुबे, वर्टिकल चेयरमैन, एमपी एवीजीसी-एक्सआर एसोसिएशन
एनिमेशन नीति का लाभ मध्य प्रदेश को अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मिलेगा। यहां पहले से मौजूद फिल्म पालिसी से एनिमेशन पॉलिसी को फायदा होगा। प्रदेश का इंफ्रास्टर भी काफी बेहतर है, जो निवेशकों को आकर्षित करेगा। - आशीष कुलकर्णी, चेयरमैन, फिक्की एवीजीसी-एक्सआर फोरम
एनिमेशन इंडस्ट्री में करियर की काफी संभावनाएं हैं। थ्रीडी मोशन ग्राफिक प्राइम, एनिमेशन प्राइम, मोशन ग्राफिक और वेब डिजाइनिंग जैसे कोर्स चलाए जा रहे हैं। साथ ही नई टेक्नोलाजी भी इसमें जुड़ रही है, जो इस सेक्टर को नई दिशा देगी। - संजय खिमेसरा, सेक्रेटरी, एमपी एवीजीसी-एक्सआर एसोसिएशन