टेक डेस्क, ग्वालियर। APK File: ग्वालियर का कारोबारी विनोद अग्रवाल। न मोबाइल पर एसएमएस आया, न ओटीपी आया। अचानक मोबाइल बंद हो गया, खाते से धड़ाधड़ ट्रांजेक्शन हुआ और करीब 87 हजार रुपये निकल गए। नगर निगम के उपायुक्त डॉ.प्रदीप श्रीवास्तव, एक एसएमएस के जरिये आई फाइल डाउनलोड करते ही आधा घंटे तक मोबाइल हैक रहा और खाते से 47 हजार रुपये निकल गए। यह तो सिर्फ दो उदाहरण हैं।
लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के बाद जब नईदुनिया ने साइबर एक्सपर्ट से बात की तो सामने आया कि ऐसी वारदातों के पीछे सबसे बड़े जिम्मेदार खुद लोगों की चूक है या यह भी कहा जा सकता है कि लोगों को जानकारी ही नहीं है। उनका डाटा उनकी ही छोटी सी चूक से चोरी हो रहा है। उनके मोबाइल की हर गतिविधि पर निगाह रखी जा रही है।
एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करती है। एपीके यानि एंड्रायड पैकेज किट फाइल। यह सिर्फ एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करती है। एपीके फाइल एक तरह का स्पायवेयर है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है, स्पाय यानि निगरानी रखना।
स्पायवेयर ऐसा टूल है, जिससे मोबाइल, लैपटाप या अन्य डिवाइस के डाटा और यूजर्स के डाटा से लेकर हर गतिविधि पर बिना अनुमति निगाह रखी जाती है। गैलरी, डॉक्यूमेंटस, कांटेक्ट, एसएमएस बिना अनुमति थर्ड पाट्री को भेज दिए जाते हैं। इसमें लोकेशन, इमेल से लेकर अन्य जानकारी तक हैकर तक पहुंच जाती हैं।
कई बार लोग ऐसी फाइल को क्लिक भी नहीं करते और यह फाइल डिवाइस में पहुंचकर डाटा चोरी कर लेती हैं। इसकी वजह होती है वाट्स एप व अन्य मैसेंजर का आटो डाउनलोड फीचर्स। जिसमें लोग मीडिया, डाक्यूमेंट, आडियो, वीडियो को आटो डाउनलोड मोड पर रखते हैं। यही सबसे बड़ी गलती है। अगर एपीके फाइल मोबाइल में डाउनलोड नहीं हुई तब तक स्पायवेयर काम नहीं करेगा। फाइल डाउनलोड होते ही मोबाइल का एक्सेस हासिल हो जाता है और मोबाइल हैक कर ठगी होती है।
साइबर एक्सपर्ट चातक वाजपेयी ने बताया कि एपीके फाइल एक तरह का स्पायवेयर है। यह स्पायवेयर के जरिये डाटा पर निगाह रखता है और डाटा चोरी कर थर्ड पार्टी को भेज देता है। ऑटो डाउनलोड मोड पर मोबाइल न रखें और कोई भी अंजान फाइल, लिंक पर क्लिक ही न करें। उन्होंने कहा, 'एंटी वायरस मोबाइल या अन्य डिवाइस में रखें। एंटी वायरस भी मुफ्त वाला नहीं, क्योंकि यह खुद वायरस होते हैं।'