Digital Arrest: क्या है डिजिटल अरेस्ट.. एक्सपर्ट से समझें फ्रॉड कॉल आए तो कैसे बचें
इन दिनों साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब लोगों को उनके दस्तावेजों के गलत उपयोग का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और उनके मोटी रकम भी वसूली जाती है। इंदौर के डीएसपी नरेंद्र रघुवंशी से समझते हैं डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचा जा सकता है।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Wed, 21 Aug 2024 09:59:13 AM (IST)
Updated Date: Wed, 21 Aug 2024 12:54:42 PM (IST)
डिजिटल अरेस्ट कर की जाती है ठगी। HighLights
- अपराध का डर दिखाकर हो रहा साइबर फ्रॉड
- बच्चे के अपहरण का भी दिखाया जाता है डर
- डीपफेक वीडियो से भी की जाती है साइबर ठगी
टेक्नोलॉजी डेस्क, इंदौर (Digital Arrest Kya Hai)। साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिए ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इन दिनों लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। इसमें लोगों पुलिस अथवा अन्य विभागों के नाम पर फोन पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है।
कैसे होती है ठगी?
डिजिटल अरेस्ट जैसी स्थिति में साइबर ठगों द्वारा अलग-अलग सरकारी विभागों के नाम से कॉल किया जाता है। साइबर ठगों द्वारा कहा जाता है कि आपके सिम, आधार कार्ड का अन्य दस्तावेजों के जरिए अवैध काम हो रहा है। इसी का डर दिखाकर व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता और बाद में उनसे रुपये वसूले जाते हैं।
इसके अलावा, लोगों को उनके बच्चे या रिश्तेदार के गिरफ्तार या अपहरण होने या उनके द्वारा अपराध करने का डर दिखाकर भी ठगी की जाती है, इसके लिए उनका डीपफेक वीडियो तैयार किया जाता है।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें
- किसी अनजान व्यक्ति के साथ कोई ओटीपी शेयर न करें और न ही किसी अनजान लिंक पर क्लिक करें।
- कोई भी इंटेलिजेंस एजेंसी इस तरह के काल या मैसेज नहीं करती है। ऐसे फोन आने पर सावधान रहें।
- डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की गई है, तो हेल्पलाइन नंबर 1930 व वेबसाइट पर शिकायत करे सकते हैं।
- अनजान नंबर से आए वीडियो कॉल न उठाएं। इसमें आपत्तिजनक चीजों के साथ रिकॉर्डिंग हो सकती है।
- बच्चे की गिरफ्तारी का कोई डर दिखाएं, तो इस पर विश्वास न करें और पहले पता करें कि बच्चा कहां है।
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