फ्लोरिडा। एनएफएल के पूर्व खिलाड़ी रॉब कोनराड की जान पर पिछले दिनों तब बन आई थी जब समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान वे बोट से गिर पड़े थे। इसके बाद उन्हें करीब 9 मील की यह दूरी 16 घंटे तैरकर पार करनी पड़ी। रॉब भाग्यशाली रहे कि शॉर्क और जैलीफिश से भरे इस समुद्र को सकुशल पार कर पाए।
38 वर्षीय रॉब ने सोमवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वे अकेले गुरुवार को लाइटहाऊस पाइंट से अपनी 31 फिट लंबी बोट को सर्विसिंग के लिए रिवेरा बीच ले जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें मछली पकड़ने की इच्छा हुई और उन्होंने अपनी बोट को ऑटो मोड़ पर डाला। उनके कांटे में मछली फंसी और वे उसे निकालने के दौरान पानी में जा गिरे। बोट 5 मील प्रति घंटे की रफ्तार से ऑटो पाइलट मोड़ में चल रही थी जो उन्हें छोड़कर आगे निकल गई और रॉब बिना किसी जीवनरक्षक उपकरण के समुद्र में अकेले रह गए।
रॉब ने बताया - मैं ऐसी स्थिति में था कि किसी को अपने मुश्किल में होने का संदेशा भी नहीं दे सकता था। मैं जानता था कि मुझे तैरकर किनारे तक पहुंचने में 10 घंटे से ज्यादा का समय लगता और इस दौरान उन्हें हापोथर्मिया (ठंड के कारण शरीर के तापमान में गिरावट) का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने शॅट निकाली और कभी ब्रेस्ट स्ट्रोक और कभी बैक स्ट्रोक करते हुए किनारे की तरफ तैरना शुरू किया।
मियामी डॉल्फिन्स के रग्बी खिलाड़ी रॉब ने कहा कि उन्हें तैरने के दौरान अपने से 50 गज दूरी से एक फिशिंग बोट जरती दिखी थी, लेकिन वे उनका ध्यान नहीं खींच पाए। इसी तरह उन्हें कोस्ट गार्ड का हेलिकॉप्टर भी लाइट मारते हुए उन्हें बिना देखे निकल गया। कोस्ट गार्ड ने बचाव हेलिकॉप्टर उस वक्त भेजा जब रॉब के एक दोस्त ने उन्हें लेकर चिंता जताई थी। वास्तव में उस रात उन दोनों को एक साथ डिनर करना था। रॉब के तैरने की यह यात्रा दोपहर 12.30 बजे शुरू हुई और अल सुबह खत्म हुई। उन्होंने कहा- मैंने अपने आप से कहा था कि मुझे मरना नहीं है और किसी भी तरह किनारे पर पहुंचकर जान बचानी है।
रॉब के अनुसार इस दौरान उन्हें कई तरह की मछलियों ने काटा, एक बार तो जैलीफिश ने भी परेशान किया और उन्होंने अपने नीचे शॉर्क मछलियों को चक्कर काटते हुए भी देखा। कोनराड का मानना है कि उन्हें 16 घंटों तक तैरना पड़ा और उन्होंने इस दौरान करीब 27 मील की दूरी तय की। वे जब सुबह 4.30 बजे किनारे पर पहुंचे तो चल भी नहीं पा रहे थे। उन्हें दो दिनों तक अस्पताल में रखा गया जहां हापोथर्मिया, डिहायड्रेशन और मांसपेशियों में खिंचाव और टूटने का इलाज किया गया। वे अभी भी पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं।